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उत्तराखण्ड

उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय एम.एस.सी.पर्यावरण के शिक्षार्थियों ने किया उत्तराखंड काउंसिल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी हल्दी पंतनगर का भ्रमण।

हल्द्वानी ,,उत्तराखंड काउंसिल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी हल्दी पंतनगर का शैक्षणिक भ्रमण आयोजित किया गया जिसमें लगभग 30 शिक्षार्थियों ने प्रतिभाग किया।

उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय पर्यावरण विज्ञान के सहायक प्राध्यापक डॉ. बीना तिवारी फुलरा ने बताया का शिक्षार्थियों को माइक्रोबायोलॉजी, जेनेटिक इंजीनियरिंग, पर्यावरण तथा प्लांट टिशू कल्चर तकनीकी के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई।
उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने सभी का स्वागत करते हुए जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्थान के रूप में परिषद की भूमिका और क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर इसके प्रभाव पर प्रकाश डाला।
इस दौरान वैज्ञानिक डॉ. मनिंदर मोहन डॉ. सुमित पुरोहित एवं डॉ. कंचन कार्की द्वारा पर्यावरणीय प्रभाव आकलन, वायु और जल गुणवत्ता परीक्षण और पर्यावरण-अनुकूल, पौधों के प्रसार, आनुवंशिक सुधार और टिशू कल्चर तकनीक, लुप्तप्राय पौधों की प्रजातियों के संरक्षण और रोग प्रतिरोधी पौधों की किस्मों के विकास, माइक्रोबियल उपभेदों का लक्षण वर्णन, उन्नत माइक्रोबियल प्रदर्शन के लिए आनुवंशिक संशोधन और नए जैव प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की।
अन्त में‌ डॉ. कृष्ण कुमार टम्टा द्वारा विश्वविद्यालय‌ की ओर से सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

इस दौरान डॉ. नेहा तिवारी, डॉ. आजाद कु. मेधा आदि का विशेष सहयोग रहा।

उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय एम.एस.सी.पर्यावरण के शिक्षार्थियों ने किया उत्तराखंड काउंसिल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी हल्दी पंतनगर का भ्रमण।

उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय की एमबीपीजी महाविद्यालय हल्द्वानी से में चल रही एम.एस.सी.पर्यावरण विज्ञान विषय की कार्यशाला के दौरान शिक्षार्थियों के लिए शैक्षिक भ्रमण आयोजित किया गया।

आज दिनांक 22. 07.2024 को उत्तराखंड काउंसिल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी हल्दी पंतनगर का शैक्षणिक भ्रमण आयोजित किया गया जिसमें लगभग 30 शिक्षार्थियों ने प्रतिभाग किया।

उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय पर्यावरण विज्ञान के सहायक प्राध्यापक डॉ. बीना तिवारी फुलरा ने बताया का शिक्षार्थियों को माइक्रोबायोलॉजी, जेनेटिक इंजीनियरिंग, पर्यावरण तथा प्लांट टिशू कल्चर तकनीकी के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई।
उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने सभी का स्वागत करते हुए जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्थान के रूप में परिषद की भूमिका और क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर इसके प्रभाव पर प्रकाश डाला।
इस दौरान वैज्ञानिक डॉ. मनिंदर मोहन डॉ. सुमित पुरोहित एवं डॉ. कंचन कार्की द्वारा पर्यावरणीय प्रभाव आकलन, वायु और जल गुणवत्ता परीक्षण और पर्यावरण-अनुकूल, पौधों के प्रसार, आनुवंशिक सुधार और टिशू कल्चर तकनीक, लुप्तप्राय पौधों की प्रजातियों के संरक्षण और रोग प्रतिरोधी पौधों की किस्मों के विकास, माइक्रोबियल उपभेदों का लक्षण वर्णन, उन्नत माइक्रोबियल प्रदर्शन के लिए आनुवंशिक संशोधन और नए जैव प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की।
अन्त में‌ डॉ. कृष्ण कुमार टम्टा द्वारा विश्वविद्यालय‌ की ओर से सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

इस दौरान डॉ. नेहा तिवारी, डॉ. आजाद कु. मेधा आदि का विशेष सहयोग रहा।।

उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय की एमबीपीजी महाविद्यालय हल्द्वानी से में चल रही एम.एस.सी.पर्यावरण विज्ञान विषय की कार्यशाला के दौरान शिक्षार्थियों के लिए शैक्षिक भ्रमण आयोजित किया गया।

आज दिनांक 22. 07.2024 को उत्तराखंड काउंसिल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी हल्दी पंतनगर का शैक्षणिक भ्रमण आयोजित किया गया जिसमें लगभग 30 शिक्षार्थियों ने प्रतिभाग किया।

उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय पर्यावरण विज्ञान के सहायक प्राध्यापक डॉ. बीना तिवारी फुलरा ने बताया का शिक्षार्थियों को माइक्रोबायोलॉजी, जेनेटिक इंजीनियरिंग, पर्यावरण तथा प्लांट टिशू कल्चर तकनीकी के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई।
उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने सभी का स्वागत करते हुए जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्थान के रूप में परिषद की भूमिका और क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर इसके प्रभाव पर प्रकाश डाला।
इस दौरान वैज्ञानिक डॉ. मनिंदर मोहन डॉ. सुमित पुरोहित एवं डॉ. कंचन कार्की द्वारा पर्यावरणीय प्रभाव आकलन, वायु और जल गुणवत्ता परीक्षण और पर्यावरण-अनुकूल, पौधों के प्रसार, आनुवंशिक सुधार और टिशू कल्चर तकनीक, लुप्तप्राय पौधों की प्रजातियों के संरक्षण और रोग प्रतिरोधी पौधों की किस्मों के विकास, माइक्रोबियल उपभेदों का लक्षण वर्णन, उन्नत माइक्रोबियल प्रदर्शन के लिए आनुवंशिक संशोधन और नए जैव प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की।
अन्त में‌ डॉ. कृष्ण कुमार टम्टा द्वारा विश्वविद्यालय‌ की ओर से सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

इस दौरान डॉ. नेहा तिवारी, डॉ. आजाद कु. मेधा आदि का विशेष सहयोग रहा।

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