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उत्तराखण्ड

तीन वामपंथी पार्टियों भाकपा,माकपा,भाकपा(माले) की उत्तराखंड के सम्मानित मतदाताओं से अपील !

तीन वामपंथी पार्टियों भाकपा,माकपा,भाकपा(माले) की उत्तराखंड के सम्मानित मतदाताओं से अपील !
भाजपा हराओ,वाम विपक्ष का निर्माण करो !
जनसंघर्षों की आवाज को विधानसभा पहुचायें, विधानसभा में लाल झंडे के उम्मीदवारो को बिजयी बनाएं !

सम्मानित साथियो,
उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव 2022 सामने हैं।भाजपा की डबल इंजन सरकार ने देश की जो दुर्गत की है उससे उत्तराखंड अछूता नहीं है। दोनों मोर्चों पर असफल भाजपा को सबक सिखाया जाना इस चुनाव में प्रदेश की जनता का पहला कार्यभार बन गया है। मोदीजी की अगुवाई में चुनाव लड़ रही भाजपा व उत्तराखंड की जनता के बीच सीधा मुकाबला है।
साथियों,
सन 2014 से केन्द्र में आसीन मोदी सरकार देश के लिए एक बड़ी आपदा साबित हुई है। इस सरकार ने देश के आर्थिक संसाधनों को अडानी-अंबानी जैसे कॉरपोरेट घरानों को लुटाकर देश को गंभीर आर्थिक संकट में डाल दिया है। इसी का फल है कि देश की आम जनता महंगाई, बेरोजगारी से बुरी तरह घोर संकट में फंस गई है।’अच्छे दिनों’ की हकीकत यह है कि हमारा देश इस सरकार के कार्यकाल में गरीबी और भुखमरी के ग्लोबल इंडेक्स में शर्मनाक स्तर पर पिछड़ गया है।
इतना ही नहीं इस सरकार की अगुवाई में देश की आजादी के संघर्ष के इतिहास को मिटाए जाने की कोशिश की जा रही है।संविधान व लोकतांत्रिक अधिकारों को मटियामेट किया जा रहा है। सीएए(नागरिकता संसोधन कानून) के बाद अब वोटर पहचान पत्र को आधार कार्ड से लिंक कर नागरिक अधिकारों के पर कतरने के प्रयास तेज किए जा रहे हैं।आजादी की लड़ाई में जिनका योगदान जीरो था ,अब वे सत्ता के मद में चूर होकर देश को यह बताने की हिमाकत कर रहे हैं कि देश तो सही मायने में मोदी राज आने के बाद आज़ाद हुआ है। मोदी सरकार की यह कोशिश पूरी तरह से हास्यास्पद व शर्मनाक है।

देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, दलितों, महिलाओं व समाज के कमजोर हिस्सों पर हमले बड़े हैं और इस तरह के हमलों को सरकारी संरक्षण मिलना आम बात हो गई है। उत्तराखंड में हाल ही में हरिद्वार में संपन्न हुई तथाकथित धर्म संसद हो, रूड़की में चर्च पर हुआ शर्मनाक हमला हो, चंपावत जिले में एक शादी समारोह में एक दलित टेलर रमेश राम की भोजन छूने पर कथित सवर्णों द्वारा पीट पीट कर की गई हत्या हो या इसी जिले में एक दलित भोजनमाता का किया गया जातीय उत्पीड़न हो – यह सब उदाहरण इसकी पुष्टि करते हैं।
साथियो, उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पिछले 21 सालों में भाजपा- कांग्रेस की सरकारों ने लूट-खसोट की राजनीति को ही आगे बढ़ाया है।लेकिन पिछले पांच वर्षों में सीधे मोदीजी के संरक्षण में चलने वाली व तीन-तीन मुख्यमंत्री बदलने वाली भाजपा की राज्य सरकार ने लूट-खसोट की राजनीति के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 2018 में लाए गए भूमि संशोधन कानून के माध्यम से भू-माफिया को भूमि लूटने की खुली छूट दे दी गई है।स्वास्थ्य, शिक्षा व रोजगार जैसे अहम सवालों को करोड़ों रूपयों के विज्ञापनों की भेंट चढ़ा आम जन के आँखों में धूल झोंकी जा रही है। आपने देखा है कि गत 30 दिसंबर को इन विज्ञापनजीवियों ने मोदीजी की हल्द्वानी रैली के आयोजन में किस तरह पानी तरह पैसा बहाया और धड़ल्ले से कोरोना गाइड लाइन की धञ्जियां उड़ाई गई। पांच साल पहले किए गए वायदे पूरे नहीं हुए और नई चुनावी घोषणाएं कर दी गई हैं। यह आम जन के साथ एक भद्दा मज़ाक नहीं तो और क्या है?
साथियों, 2022 के विधानसभा चुनाव हेतु संयुक्त वामपंथ का नारा है- ‘भाजपा को हराओ,वाम विपक्ष का निर्माण करो’,आप जानते हैं जबसे राज्य बना है एक कारगर विपक्ष की आवाज विधानसभा में हमेशा से नदारद है।इसलिए वाम दलों की संयुक्त राय है कि उत्तराखंड के समग्र विकास के लिए यहां की राजनीति को वामपंथी दिशा देने हेतु राज्य विधानसभा के अंदर लाल झंडे की दस्तक हो। ताकि उत्तराखंड के शोषित उत्पीड़ित हिस्सों व मेहनतकश जन समुदाय के जन अधिकारों की आवाज विधानसभा में गुंजायमान हो सके।
साथियों , इसीलिए उत्तराखंड की दस विधानसभा क्षेत्र से हमने लगातार जनसंघर्षों के दम पर जनता के अधिकारों के लिए लड़ने वाले कामरेडों को उम्मीदवार घोषित किया है!
आशा है आप लूट-खसोट-उन्माद की राजनीति के विरूद्ध वामपंथी पार्टियों के उम्मीदवारो को बिजयी बना उत्तराखंड की राजनीति में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक कारगर विपक्ष का निर्माण करेंगे !

निवेदक:
भाकपा,माकपा,भाकपा(माले) की राज्य इकाईयों की ओर से राज्य सचिव समर भंडारी,राजेन्द्र सिंह नेगी,राजा बहुगुणा !


हम लड़ेगें –
1-सांप्रदायिक उन्माद,जातिवादी घृणा के विरुद्ध तथा संविधान,लोकतंत्र व आजादी की रक्षा के लिए !
2- सबकी शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के अधिकार के लिए तथा मंहगाई व भ्रष्टाचार के विरूद्ध !
3-मोदी सरकार द्वारा मजदूरों के लोकतांत्रिक अधिकारों के खात्मे के लिए लाए गए चार श्रम कोडों के विरूद्ध देश के कामगारों के एकताबद्ध संघर्ष की मजबूती के लिए!
4-मोदी सरकार द्वारा देश के आर्थिक संसाधनों को अडानी-अंबानी जैसे कॉरपोरेट घरानों को लुटाने के विरुद
5 -किसानों को उनकी फसल का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए!
6- किसानों को आवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए!
7- सिडकुल में कार्यरत मजदूरों,उपनल कर्मियों,आशा, आंगनबाड़ी,भोजनमाताओं व सभी कामगारों को 21000 रूपया न्यूनतम मासिक वेतन की गारंटी के लिए!
8- आशा, आंगनबाड़ी व भोजनमाताओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा और पक्की नौकरी के लिए!
9- किसानों को एमएसपी पर फसल खरीद की गारंटी के लिए कानून बनवाने के लिए!
10- बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार के लिए, रिक्त पड़े सभी सरकारी पदों को तत्काल भरवाने के लिए, लंबित पड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं और भर्तियों को तत्काल करवाने के लिए!
11-प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम OPS लागू करवाने के लिए
12- स्थानीय युवक-युवतियों को प्रदेश के कारखानों, कम्पनियों में रोजगार की गारंटी के लिए!
13- दुग्ध उत्पादकों का शोषण बंद करवाने तथा दूध उत्पादकों के दूध का उचित मूल्य प्रदान करने के लिए!
14- वनखत्तों के निवासियों को राजस्व गांव का दर्जा व मूलभूत योजनाओं को लाभ दिलाने के लिए!
15- विधायक निधि से गरीब व जरूरतमंद लोगों को प्राथमिकता में लाभ दिलाने के लिए!
16- सालों से बदहाल राज्य, जिला व अन्य संपर्क सड़कों का उच्च गुणवत्तापूर्ण निर्माण के लिए!
17-उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद 21 साल से चली आ रही लूट -खसोट का हिसाब सार्वजनिक करवाने व दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने के लिए !
18-राज्य की स्थाई राजधानी गैरसैंण बनाने के लिए व दो राजधानी व्यवस्था समाप्त करने के लिए !
19-शराब व खनन माफिया के उत्तराखंड में वर्चस्व को समाप्त करने के लिए !
20- स्कूल स्तर से ही खेल प्रतिभा निखारने के लिए समुचित व्यवस्था हेतु संघर्ष !
21- 2018 का भूमाफिया परस्त भूकानून रद्द करने व जल,जंगल,जमीन पर आम जन के अधिकार के लिए!
22-आपदा पीड़ितों को समुचित मुआवजे और आपदा प्रभावित गाँवों के पूर्ण सुविधाओं के साथ पुनर्वास की व्यवस्था के लिए!


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