उत्तराखण्ड
अपनी संस्कृति की धरोवर है पर्वतीय उत्थान मंच का कौतिक मेला,कुंवर,
पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच में उत्तरायणी कौतिक कल से आरंभ,,,7से 15,,
हल्द्वानी। पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच हीरानगर में उत्तरायणी कौतिक सात जनवरी यानी कल से आरंभ होने जा रहा है। मेले में इस बार 115 स्टॉल लगाये गये हैं। जिनमें 50 प्रतिशत स्टॉल महिला समूहों को दिया गया है। मंच के संरक्षक हुकुम सिंह कुंवर ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि पर्वतीय संस्कृति जिसमें कुमाउं मण्डल के सभी लोगों की रीति रिवाजों को संजोए रखने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय संास्कृतिक उत्थान मंच अपनी संस्कृति व धरोहरों को संजोए रखने का एक माध्यम है। हर साल यहां उत्तरायणी कौतिक में सात दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है। इसमें कुमाऊनी भाषा से जुड़ी हुई एक पहचान है इस कौतिक में अपनी भाषा को कैसे जीवित रखना है और आने वाली पीढ़ी को हम किस तरह से अपनी मात्र भाषा से जोड़ कर रखना है उन्होंने कहा कि जिस तरह एक फैशन बन गया और संस्कृति को भूल गए है इसके अपनी संस्कृति अपनी पहचान को बनाए रखने के लिए इस तरह कौतिक मेला से एक विशेष पहचान बनाते हैं
इस दौरान मंच के अध्यक्ष खड़क सिहं बगडवाल ने कहा कि हमारा उद्देश्य व्यवयायिकरण का नहीं है। यह अपनी संस्कृति और अपने लोगों के उत्पादों की अधिक से अधिक बिक्री हो और उनके जीवंत रहने तथा उनके बारे में जानकारी मिल सके इसके लिए भी है। साथ ही महिलाओं के समूहों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से मंच ने उन्हें मामूली कीमत पर स्टॉल उपलब्ध कराये हैं। पहाड़ की दालें, रजमा,बड़ी, तथा अन्य उत्पाद की अधिकांश मांग रहती है। जो इस मेले में ही उपलब्ध रहता है।
इस मौके पर अध्यक्ष खड़क सिंह बगडवाल, मेला महिला अध्यक्ष शोभा बिष्ट, सचिव देवेन्द्र सिंह तोलिया, कोषाध्यक्ष त्रिलोक बनोली, आय ब्यय निरीक्षक कैलाश जोशी, पूर्व अध्यक्ष डॉ चन्द्रशेखर तिवारी, संरक्षक हुकुम सिहं कुंवर, मेला संयोजक हेम भट्ट, मंजु दानू सांस्कृतिक कार्यक्रम संयोजक, ललित बिष्ट, गोपाल सिंह बिष्ट उपाध्यक्ष, लक्ष्मण सिंह मेहरा खेल संयोजक, धरम सिंह बिष्ट आदि मौजूद थे।