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उत्तराखण्ड

भारतीय न्याय संहिता : पृष्ठभूमि, आवश्यकता और विशेषताएं

भारतीय न्याय संहिता : पृष्ठभूमि, आवश्यकता और विशेषताएं

समय पर न्यायसमय-सीमा निर्धारित,

हमारा प्रयास रहेगा कि 3 साल में मिल जाये न्यायतरीख पर तरीख से मिलेगी मुक्ति

35 सेक्शनों में टाइमलाइन जोड़ी गई

  • इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से शिकायत देने पर 3 दिन में FIR दर्ज
  • यौन उत्पीड़न में जाँच रिपोर्ट 7 दिन के भीतर भेजनी होगी।
  • पहली सुनवाई के 60 दिनों के भीतर आरोप तय होंगे।
  • घोषित अपराधियों के खिलाफ अनुपस्थिति की स्थिति में 90 दिनों के भीतर मुकदमा
  • आपराधिक मामलों में मुकदमे की समाप्ति के 45 दिनों के अंदर निर्णय देना होगा।

नए आपराधिक कानून “दंड नहीं, न्याय केन्द्रित”

  • सामुदायिक सजा: छोटे अपराधों में
  • भारतीय न्याय दर्शन के अनुरूप
  • 5000 रुपए से कम मूल्य की चोरी पर कम्युनिटी सर्विसेज का प्रावधान
  • 6 अपराधों में कम्युनिटी सर्विसेज को समाहित किया गया

विक्टिम सेंट्रिक कानून

  • विक्टिम-सेंट्रिक कानूनों के 3 प्रमुख फीचर्स
  1. विक्टिम को अपनी बात रखने का मौका
  2. इनफार्मेशन का अधिकार और
  3. नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति का अधिकार
  • जीरो FIR दर्ज करने को किया संस्थागत
  • अब FIR कहीं भी दर्ज कर सकते हैं
  • विक्टिम को FIR की एक प्रति निःशुल्क प्राप्त करने का अधिकार
  • 90 दिनों के भीतर जाँच में प्रगति की जानकारी

महिलाओं और बच्चों के अपराध

  • प्राथमिकताः महिलाओं व बच्चों के खिलाफ अपराध (पहले खजाने की लूट थी)
  • BNS में ‘महिलाओं व बच्चों के प्रति अपराध’ पर नया अध्याय
  • महिलाओं व बच्चों के अपराध से संबंधित 35 धाराएँ हैं जिनमें लगभग 13 नए प्रावधान है और बंकि में कुछ संशोधन
  • गैंगरेप: 20 साल की सजा/आजीवन कारावास
  • नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कारः मौत की सजा/आजीवन कारावास
  • झूठा वादा/पहचान छिपाकर यौन संबंध बनाना अब अपराध है
  • पीड़िता का बयान उसके आवास पर महिला अधिकारी के सामने ही रिकॉर्ड
  • पीड़िता के अभिभावक की उपस्थित में होगा बयान दर्ज

पुलिस की जवाबदेही में इजाफा

  • सर्च और जब्ती में वीडियोग्राफी अनिवार्य
  • गिरफ्तार व्यक्तियों की सूचना देना अनिवार्य
  • 3 वर्ष से कम कारावास/60 वर्ष से अधिक उम्र में पुलिस अधिकारी की पूर्व अनुमति अनिवार्य
  • गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटों के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना होगा
  • 20 से अधिक ऐसी धाराएँ हैं जिनसे पुलिस की जवाबदेही सुनिश्चित होगी
  • पहली बार Preliminary Enquiry का प्रावधान करा गया

राजद्रोह को हटाना और ‘देशद्रोह’ की व्याख्या

  • गुलामी की सभी निशानियों का समाप्त करना
  • अंग्रेजों का राजद्रोह कानून राज्यों (देश) के लिए नहीं बल्कि शासन के लिए था
  • ‘राजद्रोह’ जड़ से समाप्त
  • लेकिन, देश विरोधी हरकतों के लिए कठोर सजा
  • भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ कार्य पर 7 साल तक या आजीवन कारावास

मॉब लिंचिंग

  • पहली बार मॉब लिंचिंग को परिभाषित किया गया
  • नस्ल/जाति/समुदाय, लिंग, जन्म स्थान, भाषा आदि से प्रेरित हत्या/गंभीर चोट मॉब लिंचिंग
  • 7 वर्ष की कैद का प्रावधान
  • स्थायी विकलांगता – 10 वर्ष की सजा/आजीवन कारावास

फॉरेंसिक को बढ़ावा

  • फोरेंसिक अनिवार्य: 7 वर्ष या अधिक की सजा वाले सभी अपराध
  • इन्वेस्टीगेशन में साइंटिफिक पद्धति को बढ़ावा
  • कन्विक्शन रेट को 90% तक ले जाने का लक्ष्य
  • सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में फोरेंसिक अनिवार्य
  • राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर 5 वर्ष में तैयार होगा
  • मैनपावर के लिए राज्यों में FSU शुरू करना
  • फॉरेंसिक के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए जगह-जगह लैब बनाना

तकनीक का उपयोग

  • विश्व की सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली बनानी है
  • 50 साल तक आने वाली सभी आधुनिक तकनीक इसमें समाहित हो सकेंगी
  • कम्प्यूटराइजेशनः पुलिस इन्वेस्टीगेशन से लेकर कोर्ट तक की प्रक्रिया

❖ E-records

  • जीरो FIR, ई-FIR, चार्जशीट… डिजिटल होगी
  • 90 दिन में मिलेगी पीड़ित को जानकारी
  • फोरेंसिक अनिवार्यः 7 साल या अधिक की सजा वाले मामलों में
  • साक्ष्यों की रिकार्डिंगः जाँच-पड़ताल में साक्ष्यों की रिकार्डिंग को अनुमति
  • वीडियोग्राफी अनिवार्यः पुलिस सर्च की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी
  • E-बयानः बलात्कार पीड़िता के लिए E-बयान
  • कोर्ट में ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग प्रस्तुत की जाएगी।
  • E-पेशी: गवाहों, आरोपियों, विशेषज्ञों और पीड़ितों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पेशी।

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