उत्तराखण्ड
हल्द्वानी में योगा ट्रेनर ज्योति मेर हत्या का मामला: जनआक्रोश, पुलिस निष्क्रियता पर तीखा आरोप,
हल्द्वानी। योगा ट्रेनर ज्योति मेर की हत्या का कांड 31 जुलाई को हल्द्वानी के मुखानी क्षेत्र में सामने आया था। 19 दिन बीत जाने के बाद भी इस मामले में हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, जिससे स्थानीय जनता और सामाजिक-राजनीतिक संगठनों में गहरा आक्रोश व्याप्त है।
हत्या की फॉरेंसिक जांच में मृतका के गले और पसलियों पर चोटों के निशान मिले हैं, जिससे पुलिस ने माना है कि हत्या गला घोंट कर की गई थी। घटना के संदिग्ध आरोपियों में योगा सेंटर संचालक दो भाई, अभय और अजय हैं, जो अब फरार हैं। पुलिस आरोपियों की तलाश में कई टीमों के साथ दबिशें दे रही है, लेकिन गिरफ्तारी अभी तक सफल नहीं हुई है।
पुलिस की निष्क्रियता से निराश जनसमूह ने बुद्ध पार्क में धरना प्रदर्शन जारी रखा है और एसएसपी नैनीताल के बर्खास्तगी की भी मांग की है। “पहाड़ी आर्मी” के संस्थापक हरीश रावत ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस का खुफिया तंत्र पूरी तरह विफल है और जिले में अराजकता का माहौल बन गया है। आक्रोशित युवक हरीश कोटलिया ने धरने के दौरान अपना मुंडन कर विरोध जताया।
प्रशासन की नाकामी को लेकर सामाजिक, राजनीतिक, युवाओं, व्यापारियों और महिलाओं के संगठनों ने 22 अगस्त को एक जनआक्रोश रैली बुलाने का आह्वान किया है। इस रैली में ज्योति मेर के हत्यारों को पकड़कर न्याय दिलाने की मांग की जाएगी।
धरने में शामिल प्रमुख व्यक्तियों में फौजी भुवन पाण्डेय, आयेंद्र शर्मा, असिस्टेंट कमांडेंट आर.पी. सिंह, दीपां पांडे, कविता जीना और अन्य लोग थे, जिन्होंने पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठाए और जनता को आश्वासन दिलाने की मांग की।
यह मामला हल्द्वानी में सुरक्षा व्यवस्था पर उठते सवालों की ओर भी इशारा करता है, जहां महिलाओं के प्रति बढ़ती असुरक्षा और अपराधियों के संरक्षण की आशंका ने स्थानीय जनता को उग्र कर दिया है।















