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उत्तराखण्ड

उत्तराखंड राज्यपाल गुरमीत सिंह ने सैनिक स्कूल कपूरथला के वार्षिकोत्सव को संबोधित किया,, एवं अपने पुराने स्कूल में यादें ताजा कीं, कैडेट्स को राष्ट्र सेवा का संदेश दिया,,

देहरादून/कपूरथला, 19 दिसंबर 2025: उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने शुक्रवार को पंजाब के सैनिक स्कूल कपूरथला के वार्षिकोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। अपने पुराने स्कूल पहुंचकर उन्होंने कैडेट्स के हॉस्टल और मैस का भ्रमण किया तथा अपनी पुरानी यादें साझा कीं। गौरतलब है कि राज्यपाल ने इसी संस्थान से शिक्षा प्राप्त की है।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि सैनिक स्कूल कपूरथला केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण, चरित्र निर्माण और नेतृत्व विकास की प्रयोगशाला है। उन्होंने बताया कि इस स्कूल ने उनके जीवन की दिशा निर्धारित की और यहां अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा तथा राष्ट्रसेवा के मूल्य आत्मसात किए, जिन्होंने उन्हें भारतीय सेना में सेवा के लिए प्रेरित किया।राज्यपाल ने जोर देकर कहा कि सैनिक स्कूलों का लक्ष्य ऐसे युवाओं को तैयार करना है जो राष्ट्र को सर्वोपरि मानें और राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान दें। कपूरथला स्कूल ने सशस्त्र सेनाओं को कई उत्कृष्ट अधिकारी दिए हैं तथा इसे कई बार ‘रक्षा मंत्री ट्रॉफी’ से सम्मानित किया गया है, जो इसकी शैक्षणिक व सैन्य उत्कृष्टता का प्रमाण है।युवा कैडेट्स को संबोधित करते हुए उन्होंने आधुनिक चुनौतियों पर प्रकाश डाला। राज्यपाल ने कहा कि आज वैश्विक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। साइबर स्पेस, अंतरिक्ष, सूचना तंत्र और तकनीक राष्ट्रीय सुरक्षा के नए आयाम बन चुके हैं। उन्होंने कैडेट्स से शैक्षणिक, तकनीकी और बौद्धिक विकास पर जोर देने का आह्वान किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सशस्त्र बलों की आत्मनिर्भरता, स्वदेशी उत्पादन और आधुनिक हथियार प्रणालियों की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि तकनीक तभी प्रभावी होती है जब इसका संचालन मजबूत चरित्र और नैतिक मूल्यों से हो। सत्यनिष्ठा, साहस, अनुशासन और नेतृत्व ही सैनिक स्कूलों की सबसे बड़ी देन हैं। उन्होंने कैडेट्स के अभिभावकों व शिक्षकों की भूमिका की भी प्रशंसा की।

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