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उत्तराखण्ड

सरकार दलित-मुस्लिम एकता को खंडित कर बच्चों के हाथ में कलम की जगह तलवार थमा रही है,,

हल्द्वानी के दमुवाढूँगा स्थित कुमाऊँ कॉलोनी में आयोजित हुई थी। यह सभा भीम आर्मी की सदस्यता ग्रहण करने के उद्देश्य से बुलाई गई थी, जिसकी अध्यक्षता सिराज अहमद और संचालन नफीस अहमद खान ने किया। नीचे इस पूरे घटनाक्रम का सारांश और प्रमुख बिंदु दिए जा रहे हैं:

सभा के प्रमुख बिंदु:

लक्ष्मीकांत जी, जो पूर्व पार्षद हैं, वे अपने साथियों समेत भीम आर्मी में शामिल हुए

  • सभा में नफीस अहमद खान ने सरकार पर कड़ा प्रहार किया और कहा कि—“यह सरकार दलित-मुस्लिम एकता को खंडित कर बच्चों के हाथ में कलम की जगह तलवार थमा रही है।”
  • उन्होंने कहा कि—
    • स्कूलों को बंद करना सरकार की मजबूरी नहीं, बल्कि सत्ता की सोची-समझी साजिश है।
    • देश की आम जनता से टैक्स, टोल, और जुर्माने के नाम पर वसूली की जा रही है।
    • इसके बावजूद शिक्षा पर खर्च न करने का बहाना सिर्फ जनता को मूर्ख बनाने का तरीका है।

कुछ तीखे सवाल जो सभा में उठाए गए:

  • स्कूल क्यों बंद हैं?
  • शिक्षक क्यों नहीं हैं?
  • बच्चों का भविष्य किसकी जेब में गिरवी है?

नफीस खान ने कहा, सरकार एक ऐसा नागरिक चाहती है जो टैक्स दे मगर सवाल न पूछे।”।।संगठन विस्तार:।लक्ष्मीकांत जी को सभा में भीम आर्मी का जिला उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।

उन्होंने कहा कि वे चंद्रशेखर आज़ाद के प्रशंसक हैं और अब पूरी मेहनत से उनके हाथ मज़बूत करेंगे।

सदस्यता लेने वाले अन्य प्रमुख लोग: जीवन राम सुरेश आर्य मनोज आर्यअभिषेक आर्य,रविकांत अंकित आर्य सिराज अहमद।नफीस अहमद खान सुंदरलाल बौद्ध जीवन चंद्र आर्य हरीश लोधी महेश आर्य फ़िरोज़ खान कमर खान।संजय कुमार जीतराम और अन्य सहयोगी गण।

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