उत्तराखण्ड
प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा सामूहिक पथ संचलन तथा घोष वर्ग द्वारा उद्घघोष प्रदर्शन एवं दण्ड प्रहार, सामुहिक समता एवं योग का संघ स्थान में किया प्रदर्शिन,,
हल्द्वानी ,, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा 15 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग, शालेय विद्यार्थी जो एपीएस स्कूल लामाचौड़ व घोष वर्ग एम.आई .ई .टी में विगत 25 मई से 9 जून 2025 संचालित किया गया है। आज समापन समारोह पर कार्यक्रम अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति (आ. प्रा.) प्रफुल्ल चंद्र भूतपूर्व न्यायधीश उच्चतम न्यायलय व मुख्य वक्ता श्रीमान राजकुमार मटाले अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ) उपस्थित रहे। संघ शिक्षा वर्ग की अखिल भारतीय श्रृंखला की आयाम है जहां बंधु भाव से एक साथ रहते हुए स्वयंसेवक देशभक्ति समरसता, सांघिक जीवन एवं ध्ययेवाद विचार संस्कार ग्रहण कर योग कार्यकर्ता के रूप में स्वयं को पालने का शिक्षण प्राप्त किया जाता है।
समापन समारोह के अवसर पर प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा सामूहिक पथ संचलन तथा घोष वर्ग द्वारा उद्घघोष प्रदर्शन एवं दण्ड प्रहार, सामुहिक समता एवं योग का संघ स्थान में प्रदर्शिन किया गया।
मुख्य अतिथि प्रफुल्ल चंद्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समापन समारोह में पाकर अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने बताया कि पिछले 100 वर्षों में भारत की संस्कृति व समाज को जोड़ने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने महत्वपूर्ण कार्य किया है।
आरएसएस के स्वयंसेवकों ने समाज में अनुशासन, देश प्रेम, समाज सेवा जैसे तमाम कार्यों को करने में अपना योगदान दिया है। और साथ ही राष्ट्र को विभाजन से बचाने और संपूर्ण हिंदू समाज को एकजुट रखने हेतु महत्वपूर्ण कार्य भी किया है।
पूर्व न्यायाधीश श्री पन्त ने बताया कि जिस प्रकार परिवार संगठित रखने में प्रेम व त्याग की आवश्यकता होती है उसी प्रकार उसी प्रकार देश की एकता के लिए भी संपूर्ण हिंदू समाज को एकजूट होना अति आवश्यक है।
समापन समारोह के मुख्य वक्ता राजकुमार मटाले, अखिल भारतीय सहसेवा प्रमुख ने अपने उद्बोधन में बताया कि आज भगवान बिरसा मुंडा की जयंती है। हम सभी भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
राजकुमार मटाले ने बताया कि व्यक्ति निर्माण का केंद्र संघ की शाखा है। व्यक्ति निर्माण व समाज निर्माण के लिए डॉक्टर हेडगेवार ने संघ की स्थापना की जो 100 वर्ष में प्रवेश कर चुका है। हमारा देश बहुत प्राचीन देश है जिसने पूरी दुनिया को दिशा की है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद ने हमारे देश के निर्दोष लोगों की हत्या की यह बहुत ही निंदनीय है। आज संघ समाज व सर्वस्वीकृति वाला संगठन बन चुका है। पहले देश में संगठन में प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन संघ के स्वयंसेवकों ने लिए मौन साधक की भांति उस प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना किया आज उसी का परिणाम है कि संघ 100 वर्ष तक पहुंच गया है।
आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 40 से ज्यादा समाज सेवा, समाज निर्माण के संगठन हैं। संघ के द्वितीय संघसंचालक पूज्य गुरु जी ने विश्व हिंदू परिषद की स्थापना करके देश के संतों का मार्गदर्शन प्राप्त करके संपूर्ण समाज में समरसता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आज संघ शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुका है पूंजीवादी व साम्यवादी व्यवस्था ने परिवारों को समाप्त कर दिया है लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कुटुम्ब प्रबोधन के माध्यम से परिवारों को संगठित करने हेतु कार्य कर रहा है।
आज पूरा विश्व भारत के दर्शन भारत के चिंतन पर नजरें टिकाए हैं। सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया: यही भारत का दर्शन और चिंतन है।
भारत समस्त विश्व के समस्त प्राणियों के सुख की कामना करने वाला देश है।
संघ ने समाज परिवर्तन व समाज निर्माण हेतु पंच परिवर्तन का विचार दिया है, जिसमें सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्व: का बोथ एवं नागरिक कर्तव्य आदि का मंत्र देकर समाज के उत्थान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिंदुओं का सामाजिक , सांस्कृतिक एवं उत्थान करने वाला संगठन है। आदर्श परिवार व्यवस्था भारत की प्राचीन पहचान रही है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पर्यावरण संरक्षण में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। और साथ ही संपूर्ण समाज से जल संरक्षण, पेड़ लगाने एवं पॉलीथिन का प्रयोग न करने का आग्रह भी किया है।
वर्ग में वर्ग के वर्गाधिकारी शिवराज, वर्ग कार्यवाह आशीष ओबराय, वर्ग पालक संजय, प्रांत प्रचारक डॉ शैलेंद्र, सहप्रांत प्रचारक चंद्रशेखर,विभाग प्रचारक इन्द्र मोहन, व्यवस्था प्रबन्धक यशपाल बिष्ट, सह प्रबन्धक प्रदीप जनौटी, आदि उपस्थित रहे।,
