उत्तराखण्ड
सुशीला तिवारी अस्पताल में बंदरों का आतंक: रात्रि में आईसीयू एवं वार्डो के बाहर खतरा मंडरा रहा,
हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में बंदरों का आतंक बढ़ गया है, खासकर रात्रि में आईसीयू क्षेत्र के बाहर जहां टूटे खिड़कियों और दरवाजों से वे अंदर घुस आते हैं। मरीज और तीमारदार दहशत में जी रहे हैं क्योंकि बंदर झुंड बनाकर आते हैं और काटने को तैयार रहते हैं, जबकि सुरक्षा कर्मी केवल राउंड लेते हैं। हालिया वायरल वीडियो और तस्वीरों ने इस समस्या को उजागर किया है।
समस्या की गहराईअस्पताल के आईसीयू के बाहर बंदरों का झुंड घूमता नजर आ रहा है, जो रात के समय विशेष रूप से खतरनाक है। टूटे हुए दरवाजे-खिड़कियां बंदरों को आसानी से प्रवेश की अनुमति दे रही हैं, जिससे मरीजों की जान को खतरा हो रहा है। इसके अलावा, आईसीयू में चींटियों की भरमार और सफाई की कमी भी शिकायतों का विषय बनी हुई है।
प्रशासन की प्रतिक्रियानैनीताल जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने वायरल वीडियो देखते ही अस्पताल प्राचार्य को फोन कर तत्काल सफाई, सुरक्षा व्यवस्था और रखरखाव सुधारने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी जारी की कि यदि व्यवस्था न सुधरी तो मेंटेनेंस एजेंसी पर फायरिंग जैसी कड़ी कार्रवाई होगी। यह समस्या नई नहीं है; 2017 से बंदरों के हमलों की शिकायतें दर्ज हैं।प्रभाव और सुझावमरीज व तीमारदार: झुंड में आने वाले बंदरों से डर, हटाने की हिम्मत नहीं होती। स्टाफ: सुरक्षा पर सवाल उठे, राउंड के अलावा कोई प्रभावी कदम नहीं। रात्रि में अस्पताल आने वालों को सावधान रहने की सलाह दी जाती है, और प्रशासन से तत्काल जाल लगाने या वन विभाग की मदद लेने की मांग हो रही है।










