उत्तराखण्ड
भीमताल में जिला विकास प्राधिकरण के जटिल नियमों के खिलाफ आवाज़ बुलंद, सामाजिक कार्यकर्ता ने सीएम धामी से मांगी राहत,
भीमताल में प्राधिकरण की पुरानी व जटिल नियमावली पर उठा सवाल
भीमताल, नैनीताल। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह के माध्यम से पत्र भेजकर जिला विकास प्राधिकरण (एनडीडीए) की नियमावली में बदलाव की मांग की है। बृजवासी ने कहा कि प्राधिकरण की समाप्त हो चुकी महायोजना और जटिल नियम स्थानीय गरीब-मध्यम वर्ग के लिए अभिशाप बन गए हैं। अपनी पैतृक जमीन पर छोटे मकान या दुकान बनाने के लिए स्थानीय लोग 1-3 लाख रुपये की लागत भी नहीं जुटा पा रहे। प्राधिकरण नोटिस और कानूनी धाराओं का डर दिखाकर लोगों को प्रताड़ित कर रहा है।
बाहरी बिल्डर्स को छूट, स्थानीयों को नोटिस
पत्र में दावा किया गया है कि गांवों में बाहरी लोगों के बड़े होटल और भवन बन रहे हैं, वहीं स्थानीय निवासियों को ध्वस्तीकरण के नोटिस दिए जा रहे हैं। प्राधिकरण की मनमानी के कारण लोगों में गहरा आक्रोश है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्राधिकरण के नियमों के चलते जमीन की खरीद-फरोख्त रोक दी गई है, जिससे उनकी आजीविका खतरे में पड़ गई है।
मागें: मुफ्त नक्शा व महायोजना में सरलीकरण
बृजवासी ने मांग की है कि सिंगल विंडो स्कीम के तहत जन्म से रह रहे स्थानीय गरीब-मध्यम वर्गीय परिवारों को मुफ्त रोजगार एवं आवास हेतु नक्शा उपलब्ध कराया जाए और क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए महायोजना में तुरंत सरलीकरण किया जाए। साथ ही, पुरानी प्रतियों और पूर्व शिकायतों को संलग्न करते हुए इस समस्या की गंभीरता को रेखांकित किया है।
आंदोलन की चेतावनी स्थानीय निवासियों और खेतिहर किसानों ने प्राधिकरण के फैसलों को अन्यायपूर्ण बताते हुए चेतावनी दी है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो वे आंदोलन की राह अपनाएंगे। किसानों ने जमीन को भविष्य और आजीविका का साधन बताते हुए कहा कि ऐसे फैसलों से उनका आर्थिक संकट और बढ़ जाएगा।















