उत्तराखण्ड
बागेश्वर विकास भवन सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक की,
, बागेश्वर विकास भवन सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक की गई जिसमें। एक जून से 15 जून तक जल संरक्षण के अंतर्गत जल उत्सव पखवाड़ा के क्रियान्वयन, निश्चित लक्ष्यों व आगामी कार्यों के संबंध ने विस्तृत चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री के नौ संकल्पों में जल संरक्षण प्रथम संकल्प है। यह विषय केवल सरकारी योजनाओं तक सीमित न रहकर, जन भागीदारी से एक जन आंदोलन का रूप ले, यही हमारा उद्देश्य होना चाहिए। जल संरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा भी सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि राज्य में जल संसाधनों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन की दिशा में ठोस प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक स्तर पर स्रोत संरक्षण, वर्षा जल संग्रहण और स्थानीय जल स्रोतों के पुनर्जीवन को प्राथमिकता में रखने को कहा है। सारा और मनरेगा जैसी योजनाओं के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, जल संरक्षण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। निर्देश दिए कि संवेदनशील बिंदुओं की पहचान कर, वैज्ञानिक आधार पर मजबूत कार्य योजनाएं तैयार की जाएं। जल संरक्षण कार्यों की समीक्षा नियमित रूप से की जाए, जिससे समयबद्ध लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित हो सके।
बैठक में जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या ने बताया कि एक से 15 जून तक जल उत्सव पखवाड़ा के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें जल संरक्षण से जुड़ी गतिविधियां आयोजित किए जाएंगी। संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि इन गतिविधियों में अधिकाधिक जन सहभागिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने योजनाओं की गुणवत्ता एवं धरातलीय प्रभावशीलता को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर बल देते हुए, कहा कि सभी विभागों के बीच मजबूत समन्वय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानवीय संवेदनाओं को आधार मानते हुए कार्य किया जाय। सरकार की योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों मिले, इस दिशा में सभी को कार्य करना होगा।
बैठक में प्रशासक जिला पंचायत बसंती देव, मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, प्रभागीय वनाधिकारी ध्रुव सिंह मर्तोलिया, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रभा गढ़िया, परियोजना निदेशक शिल्पी पंत, जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या, ईई सिंचाई केके जोशी, जल संस्थान सीएस देवड़ी, कृषि अधिकारी राजेंद्र उप्रेती समेत अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे
