उत्तराखण्ड
न्यायाधीश एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) डा0 अफरोज अहमद ने पर्यावरण संरक्षण एवं वनों तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ की बैठक,,
हल्द्वानी ,,न्यायाधीश एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) डा0 अफरोज अहमद ने पर्यावरण संरक्षण एवं वनों तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के सम्बन्ध में सर्किट हाउस काठगोदाम में जिला पर्यावरण समिति व अन्य अधिकारीयों के साथ बैठक कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
बैठक में डा0 अफरोज खान ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र को बचाना हम सभी की जिम्मेदारी है। पर्यावरण को संरक्षित करके हम अपने आने वाले भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।पर्यावरण की दृष्टि से हिमालय न केवल भारत का बल्कि विश्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है इसका प्रभाव पूरे देश में पड़ता है। उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्र के संरक्षण के लिए हमें कई कदम उठाने होंगे।
उन्होंने कहा लोगों को पर्यावरण के महत्व और हिमालयी क्षेत्र के संरक्षण की आवश्यकता के बारे में शिक्षित करने के साथ ही हिमालयी क्षेत्र में विकास के लिए सतत विकास की नीतियों को अपनाना होगा तथा हिमालयी क्षेत्र की जैव विविधता को संरक्षित करना होगा और हिमालयी क्षेत्र के पारिस्थिति के तंत्र को भी संरक्षित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें हिमालयी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने के लिए उपाय करने होंगे।
हमारी जिम्मेदारी है। हिमालय को बचाकर, हम न केवल अपने लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक बेहतर भविष्य बना सकते हैं।
डा0 खान ने कहा कि खनन कानून के दायरे में होना चाहिए। चाहे वह मिट्टी का खनन हो, बालू या पत्थर का खनन हो खनन वैज्ञानिक तरीक से हो। जो खनन लीज होल्डर को दिया जाता है उसके मापदंड तय किये जाएं। पर्यावरण एवं आमजन के लिए जो कार्य किये जाने हैं उसकी भी निगरानी होनी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नैनीताल झील भारत वर्ष अपितु विदेशों के करोडों पर्यटकों लिए एक पर्यटन का मुख्य साधन है इसके लिए यहॉ हाईड्रोबाइलोजिकल सिस्टम लगाई जाए इससे झील में पानी की गुणवत्ता आदि का पता चल सकता है और जो भी कमी है उसे दूर किया सके। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा पर्यावरण की दृष्टि से नैनीताल झील पर किये जा रहे संरक्षण आदि कार्याें की सराहना की।
डा0 खान ने कहा जिला पर्यावरण समिति देश के प्रत्येक जिलों मे है उनके कार्य सूखा कचरा, गीला कचरा, माइनिंग कैसे हो रही है, जगल का प्रबंधन, तालाब, झील, बायोेमेडिकल वेस्ट,सीवरेज पर्यावरण आदि को बचाने के लिए कार्य करती है। उन्होंने कहा सतत विकास लिए यह एक अच्छा कदम है। इकोलॉजी और इकोनॉमी को मिलाकर एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है, हर नागरिक का कर्तव्य है कि सरकार के हर काम में सहयोग करें,। उन्होंने कहा पर्यावरण को बचाना हर नागरिक का धर्म है तभी हम आने वाली पीढियों के लिए पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण में अधिकारीयों का महत्वपूर्ण दाईत्व है। उन्होंने कहा कि नदी, नाले, झीलों, जल श्रोतों में एक भी बूद सीवेज की न पड़े इस हेतु अत्याधुनिक तकनीकी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित हों, पुराने प्लांट को बदलने की भी कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा की एसटीपी से जो शोधन का जल निकलता है उसका उपयोग सिंचाई में लाया जाय, साथ ही उन्होंने सभी झीलों के डीमार्केशन की भी बात करते हुए कहा कि इनके निकट कोई भी निर्माण कार्य न किए जाय, इसे सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को संरक्षित रखने में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अहम जिम्मेदारी है वह लगातार मॉनिटरिंग करे, टेस्टिंग हेतु आधुनिक लैब स्थापित करे। उन्होंने कहा कि लीगेसी वेस्ट को पूर्णरूप से खत्म करते हुए उन क्षेत्रों में छायादार पौधे रोपित किए जाय।
आयुक्त/सचिव मा0 मुख्यमंत्री दीपक रावत ने बैठक में बताया कि रूद्रपुर ट्रंचिंग ग्राउंड से करीब एक लाख टन कूड़े का निस्तारण हो चुका है। इससे करीब ढाई एकड़ का क्षेत्र खाली हो गया है। इस क्षेत्र को ग्रीन स्पेस के रूप में विकसित किया जाएगा। इस स्थान पर मिट्टी का भरान कर पौधरोपण और सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि बैणी सेना के द्वारा नगर निगम हल्द्वानी क्षेत्र में सफाई व्यवस्था के साथ ही नगर निगम की आय में वृद्वि कर रहा है और हल्द्वानी शहर स्वच्छता की ओर बढ़ रहा है।
जिलाधिकारी वंदना ने कहा कि नैनीताल शहर में पर्यावरण संरक्षण के लिए अनेकों कार्य किये जा रहे हैं। जिसमें सीवरेज व्यवस्था मुख्य है। उन्होंने कहा कि जिला पर्यावरण समिति बैठकों का आयोजन कर पर्यावरण के संरक्षित करने हेतु कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा हल्द्वानी ट्रंचिग ग्राउन्ड में कूड़े का निस्तारण का कार्य प्रारम्भ हो चुका है शीघ्र ही कूडे निस्तारण के उपरान्त भूमि खाली कर ग्रीन स्पेस के रूप में विकसित किया जायेगा।
बैठक में पंडित गोविन्द बल्लभ पंत पर्यावरण संस्थान कोसी से आए वैज्ञानिकों द्वारा ठोस आपशिष्ट प्रबंधन पर तैयार की गई कार्य योजना के बारे में विस्तार से अवगत कराया।
बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पीएन मीणा, मुख्य विकास अधिकारी अनामिका, प्रभागीय वनाधिकारी सीएस जोशी, मुख्य अभियंता सिंचाई संजय शुक्ल,गोविन्द बल्लभ पंत यूनिवर्ससिटी के डा0 सुधीर कुमार के साथ सभी नगर पालिकाओं के अधिशासी अधिकारी व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
