उत्तराखण्ड
ललित मोहन रयाल जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ,,
उत्तराखंड की साहित्यिक, प्रशासनिक और सामाजिक दुनिया में अपना अलग स्थान बनाने वाले साहित्यकार एवं प्रशासनिक अधिकारी ललित मोहन रयाल जी का जन्मदिन अवसर मात्र नहीं, चिंतन और प्रेरणा का भी दिन है। इस दिन उनके बहुआयामी व्यक्तित्व, संवेदनशील लेखन और सार्वजनिक जीवन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को सम्मानपूर्वक याद किया जाता है।
जीवन–यात्रा और व्यक्तित्व ललित मोहन रयाल जी का बचपन पर्वतीय परिवेश, सादगी और संघर्ष से जुड़ी उस दुनिया में बीता, जिसने उनके स्वभाव को विनम्रता और संवेदनशीलता से भर दिया। आगे चलकर उच्च शिक्षा प्राप्त करते हुए उन्होंने प्रशासनिक सेवा को अपने करियर के रूप में चुना और ईमानदारी, सरलता तथा लोकहित को हमेशा प्राथमिकता दी।
प्रशासनिक दायित्वों के बीच भी रयाल जी ने अपनी जड़ों, पहाड़, गाँव और आम जनजीवन से अपना सीधा संबंध बनाए रखा, जो उनके लेखन और कार्यशैली में स्पष्ट दिखाई देता है।
साहित्यिक योगदानललित मोहन रयाल जी ने अपने लेखन के माध्यम से स्मृतियों, यात्रा-वृत्तांत, सामाजिक अवलोकन और पहाड़ी संस्कृति को सहज, संवेदनशील और चिंतनशील भाषा में अभिव्यक्त किया है। उनकी पुस्तकों और आलेखों में गांव-समाज की वास्तविक तस्वीर, मानवीय संवेदना, संघर्ष और आशा का भाव पाठकों को गहराई से स्पर्श करता है।
हिंदी के साथ-साथ स्थानीय बोली-भाषा के प्रयोग ने उनके लेखन को खास पहचान दी है, जिससे पहाड़ की मिट्टी, बोली और मनुष्यता का जीवंत रंग सामने आता है।
प्रशासन और समाज के प्रति योगदानएक जिम्मेदार अधिकारी के रूप में रयाल जी ने जहाँ भी कार्य किया, वहाँ ईमानदार प्रशासन, संवेदनशील निर्णय और आमजन की समस्याओं को समझने की गंभीर कोशिश हमेशा उनकी प्राथमिकता रही।
उनकी निर्णय–शैली में कानून और नियमों के साथ मानवीय दृष्टि भी सदैव दिखाई देती है, जिसके कारण वे आम लोगों, पाठकों और सहयोगियों – सभी के बीच सम्मानित हैं। जन्मदिन पर शुभकामनाएँ
ललित मोहन रयाल जी का जन्मदिन उनके अब तक के योगदान को नमन करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए उन्हें प्रेरणा–स्रोत के रूप में याद करने का अवसर है। इस शुभ दिवस पर उनके स्वस्थ, दीर्घ और रचनात्मक जीवन की कामना की जाती है ताकि वे प्रशासन, साहित्य और समाज सभी क्षेत्रों में इसी तरह मार्गदर्शन और प्रेरणा देते रहें।










