उत्तराखण्ड
उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय पंचकर्म सम्मेलन का भव्य उद्घाटन,
हरिद्वार,,,उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के ऋषिकुल परिसर, हरिद्वार में सोमवार को दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन “Recent Advancements in Panchkarma 2025” का प्रभावशाली उद्घाटन राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) द्वारा किया गया। सम्मेलन में देश भर से पंचकर्म के विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, शोधार्थी और प्रसिद्ध संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।पंचकर्म पर आधुनिक विज्ञान का समन्वय आवश्यकराज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि आज जीवनशैली-जनित रोग, तनाव और पर्यावरणीय चुनौतियों का मुकाबला करने में पंचकर्म अत्यंत प्रासंगिक है। उन्होंने पंचकर्म को विज्ञान के दृष्टिकोण से परखने और इसे विश्व स्तर पर प्रमाणित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भारत की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘हीलिंग इन इंडिया’ ब्रांड वैल्यू विकसित करने और उत्तराखण्ड को क्लीनिकल वेलनेस डेस्टिनेशन बनाने का आह्वान किया।प्रमुख अतिथियों के विचारअपर सचिव (आयुष) विजय कुमार जोगदण्डे ने कहा कि आयुर्वेद को नवीन विज्ञान के साथ जोड़कर इसकी उपयोगिता बढ़ाई जाएगी। आचार्य बालकृष्ण ने आयुर्वेद में उपवास के महत्व और मन की शक्ति पर प्रकाश डाला। कुलपति प्रो. अरुण कुमार त्रिपाठी ने पंचकर्म को आयुर्वेद की धड़कन बताते हुए उत्तराखण्ड में इसके विकास की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानितसेमिनार के अध्यक्ष प्रो. के. के. शर्मा को उनके 37 वर्षों के उत्कृष्ट योगदान के लिए राज्यपाल द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड प्रदान किया गया। सम्मेलन के दौरान अनुसंधान संकलन सोविनियर का भी विमोचन हुआ।यह सम्मेलन आयुर्वेद की प्राचीन विरासत को आधुनिक तकनीकी और वैज्ञानिक प्रगतियों के साथ जोड़कर भविष्य की चिकित्सा के लिए नई राह दिखाने वाला महत्वपूर्ण आयोजन साबित हुआ।
















