उत्तराखण्ड
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने क्वांटम विश्वविद्यालय, रुड़की के दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को दी सफलता की प्रेरणा,
रुड़की। क्वांटम विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम में उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए। विश्वविद्यालय की सर्वश्रेष्ठ छात्रा साक्षी राज को प्रेसिडेंस मेडल से सम्मानित किया गया।राज्यपाल ने अपने संबोधन में उपाधि प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों व शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह जीवन के परिश्रम, अनुशासन और दृढ़ इच्छाशक्ति का स्वर्णिम क्षण होता है। उन्होंने छात्रों को संदेश दिया कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता; यह लंबे समय के समर्पण, धैर्य और निरंतर परिश्रम का परिणाम है।उन्होंने विद्यार्थियों से बड़े और असीमित सपने देखने, सकारात्मक सोच अपनाने और समाज व राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का आह्वान किया। राज्यपाल ने कहा कि नैतिकता, चरित्र और विनम्रता ही स्थायी सफलता के तीन प्रमुख स्तंभ हैं।तकनीक के युग की चर्चा करते हुए उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स, रोबोटिक्स और क्वांटम कंप्यूटिंग के महत्व पर प्रकाश डाला और विद्यार्थियों से “लाइफ लॉन्ग लर्निंग” की भावना अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि भविष्य में वही युवा नेतृत्व कर सकेगा जो सीखना कभी नहीं छोड़ेगा और नई तकनीकों को आत्मसात करेगा।राज्यपाल ने कहा कि भारत अमृत काल की यात्रा पर है और वर्ष 2047 तक विकसित भारत का निर्माण युवाओं की सक्रिय भागीदारी से ही संभव होगा। उन्होंने विश्वविद्यालय की वर्ष 2024-25 के दौरान अनुसंधान, नवाचार, उद्योग-सहयोग और सामाजिक उत्तरदायित्व के क्षेत्र में हुई प्रगति की सराहना की।समापन में राज्यपाल ने शिक्षकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि एक शिक्षक केवल ज्ञान का स्रोत नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के जीवन को दिशा देने वाला दीपस्तंभ होता है।

















