उत्तराखण्ड
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने स्वामी राम जी की 29वीं पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि,,
जौलीग्रांट (देहरादून), राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने आज जौलीग्रांट स्थित स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय में स्वामी राम जी की 29वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।इस अवसर पर राज्यपाल ने संस्था की ओर से कर्नाटक के सुमंगली सेवा आश्रम की अध्यक्ष डॉ. एस. जी. सुशीलम्मा को ‘‘स्वामी राम मानवता पुरस्कार-2025’’ से सम्मानित किया।राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि स्वामी राम जी केवल एक संत या योगी नहीं थे, बल्कि मानवता के पुजारी और सेवा, साधना एवं समर्पण के प्रतीक थे। उन्होंने अपने जीवन द्वारा यह सिद्ध किया कि योग केवल साधना का मार्ग नहीं, बल्कि समाज निर्माण का सशक्त माध्यम भी है। स्वामी राम जी ने विज्ञान और अध्यात्म के समन्वय से मानव कल्याण की अद्भुत दिशा दिखाई।राज्यपाल ने कहा कि स्वामी राम जी की दूरदृष्टि और कर्मनिष्ठा ने न केवल उत्तराखण्ड, बल्कि पूरे राष्ट्र को दिशा दी। वे मानते थे कि “स्वास्थ्य सेवा, मानवता की सबसे बड़ी सेवा है और डॉक्टर भगवान का प्रतिरूप होता है।” आज स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय इसी विचारधारा पर अग्रसर होकर सेवा कार्य कर रहा है।राज्यपाल ने रूरल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इस संस्था ने हजारों गांवों में स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता और आत्मनिर्भरता की ज्योति प्रज्वलित की है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार सृजन करने वाले बनें। आत्मनिर्भर और विकसित भारत के लिए युवाओं को उद्यमिता, नवाचार और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभानी होगी।राज्यपाल ने कहा कि जब देश विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की ओर अग्रसर है, तब विकसित उत्तराखण्ड का निर्माण हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।












