उत्तराखण्ड
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में स्वर्णिम 20 वर्ष का उत्सव प्रारंभ,
पवनीत सिंह बिंद्रा
हल्द्वानी, — उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना के 20 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर 13 से 15 अगस्त तक “स्वर्णिम सफलता के 20 वर्ष: स्वतंत्रता एवं प्रगति पर त्रिदिवसीय उत्सव” का शुभारंभ किया गया। पहले दिन के प्रथम सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने की।
इस अवसर पर स्वागत वक्तव्य में प्रो. गिरिजा पांडे ने कहा कि शोध निदेशालय के गठन का उद्देश्य राज्य और राष्ट्र की आकांक्षाओं को पूरा करने के साथ-साथ नवीन ज्ञान की खोज करना है।
मुख्य वक्ता के रूप में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. जमाल सिद्दीकी ने शोध के दौरान समस्या की सही पहचान पर बल देते हुए कहा कि केवल गूगल सर्च से शोध पत्र नहीं बनता, पुस्तकों से प्राप्त जानकारी अधिक विश्वसनीय होती है। उन्होंने शोधार्थियों को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की ई-लाइब्रेरी से सामग्री प्राप्त करने की विधि भी प्रदर्शित की।
मुख्य अतिथि कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल के कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत ने कहा कि शोध में सफलता के लिए अपनी जड़ों से जुड़ाव जरूरी है। चाणक्य का उद्धरण देते हुए उन्होंने बताया कि किसी राष्ट्र के विकास के लिए मजबूत नेतृत्व, कुशल कूटनीति, सुदृढ़ सेना, मजबूत अर्थव्यवस्था, सही शिक्षा और सशक्त संरचना अनिवार्य हैं।
अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने कहा कि नवीन ज्ञान के लिए शोधार्थी को ‘खाली घड़े’ की तरह सीखने के लिए तैयार रहना चाहिए। शोध कार्य निरपेक्ष और निष्पक्ष होना चाहिए, और उसमें अपने अनुभव व नई खोज को प्रमुखता देनी चाहिए, मात्र कॉपी-पेस्ट शोध नहीं कहलाता।
सत्र के अंत में डॉ. मनमोहन जोशी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
दूसरे सत्र में विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए। इसमें विषय विशेषज्ञ के रूप में बीबीसी रेडियो (हिंदी) के पूर्व संपादक प्रो. राजेश जोशी और डॉ. चंद्र सिंह नेगी (एम. बी. पी. जी. कॉलेज) उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. गिरिजा पांडेय ने किया।
कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ. खेमराज भट्ट, परीक्षा नियंत्रक डॉ. सोमेश कुमार, वित्त नियंत्रक एस. पी. सिंह, विभिन्न विद्याशाखाओं के निदेशकगण, अकादमिक एवं गैर-अकादमिक कर्मचारी और शोधार्थी उपस्थित थे।





