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उत्तराखण्ड

बागजाला के ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना: मालिकाना हक और विकास कार्यों की मांग जारी


हल्द्वानी। बागजाला के ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर हैं, जो आज अपने चौथे दिन में प्रवेश कर चुका है। धरने के माध्यम से वे अपनी आठ सूत्रीय मांगों की पूर्ति की आवाज उठा रहे हैं, जिसमें सबसे अहम भूमि के मालिकाना अधिकार, बागजाला गांव को विधानसभा में राजस्व गांव का दर्जा दिलाना, पेयजल एवं सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं पर लगी रोक हटाना शामिल हैं।

किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी ने लालकुआं विधायक की कार्यशैली पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि बागजाला के सवालों को विधानसभा में नहीं उठाना जनता के साथ एक छलावा है। उन्होंने कहा, “विधानसभा मानसून सत्र में बागजाला को राजस्व गांव का प्रस्ताव पारित नहीं होना जनता के खिलाफ वादाखिलाफी है।” वहीं, भाकपा माले के जिला सचिव डॉ. कैलाश पाण्डेय ने कहा कि चार दिन चलने वाला मानसून सत्र डेढ़ दिन में खत्म कर देना सरकार की जनता के प्रति गैरजिम्मेदारी प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपए मुख्यमंत्री के टूरिज्म और अन्य अनावश्यक खर्चों में लगाए गए जबकि आम जनता के मुद्दे नजरंदाज किए गए।

धरने में सामाजिक कार्यकर्ताओं, पूर्व सैनिकों और बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया। धरना समर्थक संगठन भी आंदोलन में खड़े हैं और जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

इस धरने से पता चलता है कि बागजाला गांव की जनता अपने अधिकारों और विकास के लिए आवाज बुलंद कर रही है, जो स्थानीय प्रशासन और सरकार के लिए अहम संकेत है।

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