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उत्तराखण्ड

कपकोट क्षेत्र में बादल फटने से तबाही, पांच सदस्यीय परिवार पर टूटा दुख का पहाड़,

कपकोट,  बागेश्वर जनपद के कपकोट ब्लॉक की कनलगढ़ घाटी (पौसारी के ठाईजार तोक) में बुधवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही मच गई। इस भीषण प्राकृतिक आपदा में स्थानीय निवासी श्री रमेश चंद जोशी के परिवार के पांच सदस्य लापता हो गए, जिनमें से अब तक चार के शव बरामद किए जा चुके हैं। एक अन्य सदस्य की तलाश जिला प्रशासन और बचाव दलों द्वारा लगातार जारी है।

क्षेत्र में हुआ भारी नुकसान

इस आपदा का सबसे अधिक असर कपकोट क्षेत्र के कई गाँवों में देखा गया। सुमटी, बैशानी, नान और कन्यालीकोट जैसे इलाकों में कई घर बह गए या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। खेतों और ग्रामीण रास्तों पर मलबा व कीचड़ भर गया है, जिससे आवाजाही पूरी तरह बाधित हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि जन-धन की भारी हानि हुई है और तत्काल राहत की आवश्यकता है।

राहत एवं बचाव कार्य जारी

प्राकृतिक आपदा के तुरंत बाद ही जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच गईं। बचावकर्मी ग्रामीणों के सहयोग से लापता व्यक्ति की तलाश कर रहे हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्य भी तेजी से चल रहे हैं। प्रशासन ने कहा है कि प्रभावित परिवारों की सभी प्रकार से मदद की जाएगी।

शोक और संवेदना

इस हृदयविदारक घटना पर पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। ग्रामीण और समाजसेवी संगठनों ने शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है। सभी ने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति एवं शोकाकुल परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।

प्रभावित परिवारों की मांग

स्थानीय ग्रामीणों ने आपदा प्रवण क्षेत्रों की भूवैज्ञानिक जांच कर उन्हें चिन्हित करने, प्रभावित गांवों के लिए स्थायी विस्थापन एवं पुनर्वास नीति तैयार करने तथा प्रभावित परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता और सुरक्षित आवास उपलब्ध कराने की मांग की है।

घटनास्थल पर पहुंचे जलागम परिषद के उपाध्यक्ष शंकर कोरंगा,

घटनास्थल पर राहत और मुआयना करने पहुंचे प्रमुख जनप्रतिनिधियों में मंडल अध्यक्ष देवलचौरा भूपेश फर्त्याल, प्रधान प्रतिनिधि हरीश कुमार, युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष गोविंद कपकोटी, शक्तिकेंद्र संयोजक सुरेंद्र सिंह गढ़िया, पूर्व प्रधान गिरीश गढ़िया, मंडल उपाध्यक्ष रतन दानु, भानु गढ़िया सहित अन्य समाजसेवी और ग्रामीण मौजूद रहे।

जलागम परिषद के उपाध्यक्ष शंकर कोरंगा व अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि इस कठिन घड़ी में पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी तथा प्रशासन किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होने देगा।

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