उत्तराखण्ड
अखिल भारतीय किसान सभा व किसान महासभा ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन प्रेषित किया ,,
सितारगंज,,,पंजाब में किसान नेताओं की रिहाई व किसानों की अन्य मांगों को लेकर आज संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हान पर अखिल भारतीय किसान सभा व किसान महासभा ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन प्रेषित किया।
इससे पहले सितारगंज मंडी में हुए धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि पूर्व में किसान नेताओं से भारत सरकार द्वारा किए गए वायदों को पुरा करने की मांग को लेकर लम्बे समय से आंदोलनरत जगजीत सिंह डल्लेवाल, स्वर्ण सिंह पड़धेर माहित सैकडो किसान नेताओं की गिरफ्तारी पिछले दिनों पंजाब में हुई है। 3 हफ्ते से अधिक समय बीत जाने पर भी देश के अन्नदाता किसान नेताओं की अभी तक रिहाई नहीं हुई है। ऐसा लगता है कि देश में आपातकाल लागू हो चुका है। जहाँ इस देश में आंदोलन करना अपराध हो चुका है।
वक्ताओं ने कहा कि किसान लगातार कर्ज में डूबकर आत्महत्या करने को विवश है। सरकार को किसानों के पक्ष में नीतियां बनानी चाहिए। परन्तु सरकार किसान विरोधी और कॉरपोरेट पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाली नीतियां बना रही है। पहले किसान विरोधी कृषि कानून और अब नई कृषि व्यापार नीति को खेती-किसानी को चौपट करने के लिए लाया जा रहा है। पूर्व में किसान नेताओं से किए गए वायदों को पूरा करने और नयी कृषि व्यापार नीति को वापस लेने की मांग को लेकर जब किसान शांतिपूर्वक आदोलनरत थे तो उन्हें गिरफ्तार करना और आंदोलन का दमन करना वर्तमान सरकारों के किसान विरोधी रूख को स्पष्ट करता है।
वक्ताओं ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आव्हान पर हम धरना-प्रदर्शन के माध्यम से राष्ट्रपति से पंजाब में आंदोलनकारी किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं को तुरंत रिहा करने, M.S.P. फसल खरीद गारंटी कानून बनाने, किसानों व मजदूरों की कर्जमाफी करने, नई कृषि व्यापार नीति रद्द करने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग धरना प्रदर्शन के माध्यम से करते हैं।
धरने की अध्यक्षता किसान सभा के अध्यक्ष लोहर सिंह, व संचालन गुरनाम सिंह गामा ने किया।
धरने को किसान महासभा के जिला संयोजक ललित मटियाली, किसान सभा के जिला सचिव जागीर सिंह, अनिता अन्ना, विष्णुपद साना, रंजन विश्वास, परितोष विश्वास ने किया। धरने में किशन सिंह , अखिलेश सिंह, खड़क सिंह, लक्ष्मण सिंह, विजय शर्मा आदि किसान सभा व किसान महासभा के कार्यकर्ता मौजूद थे।
अनिता अन्ना
8630901537
सितारगंज, पंजाब में किसान नेताओं की रिहाई व किसानों की अन्य मांगों को लेकर आज संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हान पर अखिल भारतीय किसान सभा व किसान महासभा ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन प्रेषित किया।
इससे पहले सितारगंज मंडी में हुए धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि पूर्व में किसान नेताओं से भारत सरकार द्वारा किए गए वायदों को पुरा करने की मांग को लेकर लम्बे समय से आंदोलनरत जगजीत सिंह डल्लेवाल, स्वर्ण सिंह पड़धेर माहित सैकडो किसान नेताओं की गिरफ्तारी पिछले दिनों पंजाब में हुई है। 3 हफ्ते से अधिक समय बीत जाने पर भी देश के अन्नदाता किसान नेताओं की अभी तक रिहाई नहीं हुई है। ऐसा लगता है कि देश में आपातकाल लागू हो चुका है। जहाँ इस देश में आंदोलन करना अपराध हो चुका है।
वक्ताओं ने कहा कि किसान लगातार कर्ज में डूबकर आत्महत्या करने को विवश है। सरकार को किसानों के पक्ष में नीतियां बनानी चाहिए। परन्तु सरकार किसान विरोधी और कॉरपोरेट पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाली नीतियां बना रही है। पहले किसान विरोधी कृषि कानून और अब नई कृषि व्यापार नीति को खेती-किसानी को चौपट करने के लिए लाया जा रहा है। पूर्व में किसान नेताओं से किए गए वायदों को पूरा करने और नयी कृषि व्यापार नीति को वापस लेने की मांग को लेकर जब किसान शांतिपूर्वक आदोलनरत थे तो उन्हें गिरफ्तार करना और आंदोलन का दमन करना वर्तमान सरकारों के किसान विरोधी रूख को स्पष्ट करता है।
वक्ताओं ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आव्हान पर हम धरना-प्रदर्शन के माध्यम से राष्ट्रपति से पंजाब में आंदोलनकारी किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं को तुरंत रिहा करने, M.S.P. फसल खरीद गारंटी कानून बनाने, किसानों व मजदूरों की कर्जमाफी करने, नई कृषि व्यापार नीति रद्द करने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग धरना प्रदर्शन के माध्यम से करते हैं।
धरने की अध्यक्षता किसान सभा के अध्यक्ष लोहर सिंह, व संचालन गुरनाम सिंह गामा ने किया।
धरने को किसान महासभा के जिला संयोजक ललित मटियाली, किसान सभा के जिला सचिव जागीर सिंह, अनिता अन्ना, विष्णुपद साना, रंजन विश्वास, परितोष विश्वास ने किया। धरने में किशन सिंह , अखिलेश सिंह, खड़क सिंह, लक्ष्मण सिंह, विजय शर्मा आदि किसान सभा व किसान महासभा के कार्यकर्ता मौजूद थे।

