उत्तराखण्ड
श्री गुरु तेग बहादुर जी का साढ़े 350वां शहीदी पर्व कल,,
हल्द्वानी, 24 नवम्बर 2025: गुरुद्वारा श्री गुरु नानकपुरा, ठंडी सड़क में सिख धर्म के नौवें गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर जी के साढ़े 350वें शहीदी पर्व के उपलक्ष्य में कल विशेष दीवान सजाए जाएंगे। यह कार्यक्रम दिन और रात दोनों समय आयोजित होगा, जिसमें कीर्तन दरबार और कथा का आयोजन किया जाएगा।गुरु तेग बहादुर जी की जीवनी और बलिदान
श्री गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म, मानवता और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपना जीवन अर्पित किया। उन्होंने औरंगजेब के अत्याचारों का विरोध करते हुए निडर होकर शहीदी प्राप्त की। उनका बलिदान न केवल सिख समुदाय बल्कि पूरे मानव समाज के लिए प्रेरणास्रोत है।कीर्तन दरबार और कथा कार्यक्रम
कल के दीवान में बाहर से पधारे प्रसिद्ध गुरबानी कीर्तन करने वाले जत्थे और कथावाचक भाई गुरसेवक सिंह, ज्ञानी गुरबाज सिंह आजाद तथा ज्ञानी सतपाल सिंह (दिल्ली) संगत को गुरबानी कीर्तन और कथा से निहाल करेंगे। वे श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के जीवन, शिक्षाओं और शहादत पर प्रकाश डालेंगे।कार्यक्रम का विवरण
गुरुद्वारे के स्टेज सेक्रेटरी अमरजीत सिंह आनंद, जसपाल सिंह कोहली और मुख्य सेवादार हरजीत सिंह सच्चर, स्त्री सत्संग की प्रतिनिधि जसबीर कौर चंडोक एवं सतपाल सिंह गुजराल ने बताया कि शहीदी दिवस कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कार्यक्रम कल प्रातः 10 बजे आरंभ होकर दोपहर 3 बजे तक चलेगा। रात्रि दीवान शाम 7 बजे से 10 बजे तक होगा।लंगर सेवा
दीवान उपरांत गुरु का अटूट लंगर वितरित किया जाएगा।राज्य सरकार का आभार
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उत्तराखंड सरकार द्वारा 25 नवम्बर को छुट्टी घोषित किए जाने पर धन्यवाद व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार भी श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी को समर्पित अनेक कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है, जिसके लिए संगत और कमेटी ने आभार प्रकट किया है।प्रभात फेरी का आयोजन
शहीदी पर्व से पूर्व आज 24 नवम्बर को श्री गुरु तेग बहादुर साहिब स्कूल और खालसा स्कूल के बच्चों ने प्रभात फेरी निकाली, जो ठंडी सड़क से होते हुए श्री गुरु नानकपुरा गुरुद्वारा साहिब पहुंची। वहां ज्ञानी ठाकुर सिंह ने बच्चों को श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन पर प्रकाश डाला और गुरबानी गायन कराया। अंत में सभी ने प्रसाद ग्रहण किया।निवेदक:
प्रबंधक कमेटी
गुरुद्वारा श्री गुरु नानकपुरा, हल्द्वानी

















