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उत्तराखण्ड

30वां विरासत महोत्सव: भारतीय संस्कृति की अखंड ज्योति का उत्सव,

देहरादून। बी.आर. अम्बेडकर ग्राउंड, ओएनजीसी में 30वें विरासत कला एवं सांस्कृतिक महोत्सव का भव्य उद्घाटन उत्तराखण्ड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथियों ने भारतीय परंपरा और कला की विविधता को नमन करते हुए संस्कृति को राष्ट्र की आत्मा बताया।उद्घाटन समारोह की मुख्य आकर्षण रही पद्मभूषण उस्ताद अमजद अली ख़ान की सरोद वादन प्रस्तुति, जिसने संपूर्ण वातावरण को संगीत, साधना और भारतीय भावनाओं की मधुर ऊर्जा से भर दिया। उनकी स्वर लहरियों ने न केवल कानों को, बल्कि आत्मा को भी स्पंदित किया।विरासत महोत्सव को भारतीय सांस्कृतिक आत्मा का सजीव रूप माना जाता है, जहाँ लोक और शास्त्र, परंपरा और आधुनिकता, कला और अध्यात्म का अनोखा संगम देखने को मिलता है। यह आयोजन भारत की उस जीवंत परंपरा का उत्सव है जो समय की सीमाओं से परे, संस्कृति की अखंड ज्योति को आलोकित रखता है।कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि संस्कृति केवल किसी राष्ट्र का आभूषण नहीं, उसका प्राण है। जब नई पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़ती है तो उसमें केवल शक्ति नहीं, बल्कि दिशा, दृष्टि और आत्मविश्वास का संचार होता है। यही जुड़ाव युवाओं को परंपरा से प्रेरणा लेकर भविष्य का निर्माता बनाता है।

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