उत्तराखण्ड
बदलते मौसम में रखें सेहत का ख्याल:इम्यूनिटी स्ट्रांग करें, फल-सब्जी का सेवन करें डॉ हृदयेश कुमार,,
इम्यूनिटी स्ट्रांग करें, फल-सब्जी का सेवन करें, बीमार लोगों से दूर रहें, ठंडा-गर्म खाने से परहेज करें|
सुबह ठंडी हवा, दिन में गर्मी, शाम होते-होते बारिश और रात में फिर ठंड, यह मौसम किसी को भी बीमार कर सकता है। मौसम बदल रहा है, कहीं बारिश तो कहीं गर्मी है। बदलते मौसम में सेहत की देखभाल करें
अक्टूबर का महीना चल रहा है और मौसम में बदलाव शुरू हो गया है। बारिश होने की वजह से गुलाबी सर्दी महसूस होने लगी है। यही वजह है कि इस चेंजिंग वेदर में सर्दी, जुकाम, बुखार, बदन दर्द, सिरदर्द, आंखों में जलन, पेट दर्द और फ्लू जैसी बीमारियों के शिकार लोगों की संख्या बढ़ रही है, खासतौर पर जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है। ऐसे में जरूरत है बदलते मौसम में खुद को बीमारियों से बचाकर रखने के लिए अपना ख्याल रखें और इन जरूरी टिप्स को अपनाएं-
सुबह उठकर एक गिलास पानी पीएं। यह बॉडी को डिटॉक्स, डाइजेशन दुरुस्त करता है और स्किन को ड्राई होने से बचाता है।
इन दिनों मौसम में काफी उतार-चढ़ाव हो रहा है। खुली हवा में सिर और माथा ढंक कर निकलें। सुबह भरपेट नाश्ता करें, ताकि इंफेक्शन न हो। हल्का गुनगुना पानी पिएं। हेल्दी डाइट लें। सूप, हरी सब्जियां, फल और ग्रीन टी डाइट में शामिल करें। इससे इम्यून सिस्टम स्ट्रांग बनता है। साफ-सफाई का ध्यान रखें। गरम कपड़े पहनें।
हल्दी, तुलसी और अदरक एंटीबायोटिक हैं। यह इम्यून सिस्टम स्ट्रांग करते हैं। इनका सेवन रोजाना करें। इसके अलावा संतरा, मौसमी जैसे रसीले फलों में भरपूर मात्रा में मिनरल्स और विटमिन-सी होता है। फल एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो बॉडी की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं, इसलिए फल रोजाना खाएं।
इस मौसम में हेल्दी डाइट, पूरी नींद जरूरी है। नींद पूरी होने के बाद तरोताजा महसूस होता है। गाजर और टमाटर का इस्तेमाल भरपूर मात्रा में करें। दोनों में बीटा कैरोटीन और दूसरे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो बॉडी से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करते हैं।
बीमारियों से बचने में खान-पान का अहम भूमिका है। बदलते मौसम में खानपान में भी बदलाव करना जरूरी है। बदलते मौसम में मूड स्विंग ज्यादा होता है।
विटामिन डी- कुछ लोगों की हड्डियां बेहद कमजोर होती हैं और जरा-सा गिरने पर टूट जाती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनमें विटामिन डी की कमी होती है। वैसे तो कई लोगों में विटामिन डी की कमी पाई जाती है,
फल-सब्जियों का सेवन- फल और सब्जियों का ज्यादा सेवन करना चाहिए। खासतौर पर हरी सब्जियों का। गाजर, मूली, टमाटर जैसी सब्जियां अधिक मात्रा में लें। इनमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर में जमे विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं।
जब भी आप कहीं घूमने या काम से कहीं बाहर जाएं तो बाहर के ऑयली फूड से परहेज करें। बाहर इस्तेमाल किए जाने वाले ऑयल की क्वालिटी बहुत अच्छी नहीं होती।
खासकर बच्चों को ज्यादा ठंडा या गर्म खाना देने से परहेज करें। बच्चों को ऐसे मौसम में आइसक्रीम या कोल्ड ड्रिंक पीने से मना करें।
मौसम बदल रहा है इसलिए सुबह-शाम ठंड, तो दोपहर में गर्मी महसूस होती है। ऐसे में जो लोग दोपहर में बाहर से आते हैं, वह घर आते ही पंखा चला लेते हैं, जो बदलते मौसम में बीमारी की सबसे बड़ी वजह है। इससे सर्द-गर्म हो जाता है, जिसके चलते कुछ देर बाद बुखार महसूस होने लगता है। इसलिए जब भी बाहर से आएं तो तुरंत पंखा न चलाएं, कुछ देर आराम से बैठें। टेम्प्रेचर नॉर्मल हो का इंतजार करें।
सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसी बीमारियों से बचने का सबसे आसान तरीका है हाथों को साफ रखना। हाथों को सामने रखकर खांसते या छींकते हैं या फिर पूरे टाइम नाक को हाथों से ही पोंछते हैं, तो हाथों को साबुन-पानी से अच्छी तरह से धोना बेहद जरूरी है। कम से कम 20 सेकंड तक हथेली, उंगली के टिप्स, हाथों के पीछे का हिस्सा और नाखून के आसपास के हिस्से को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए।
जिन लोगों को सर्दी, जुकाम, बुखार जैसी बीमारियां जल्दी जकड़ लेती हैं, उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। ऐसे लोगों को इम्यूनिटी स्ट्रांग करने वाली चीजें खानी चाहिए, जैसे ग्रीन टी या ब्लैक टी पी सकते हैं, लेकिन दिन में केवल एक या दो कप ही पिएं। ज्यादा पीने पर तबीयत बिगड़ भी सकती है। इसके अलावा कच्चा लहसुन, ओट्स, विटामिन डी और सी वाली डाइट का सेवन करें।