उत्तराखण्ड
उत्तराखण्ड के विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव न कराकर छात्रों को अपने प्रतिनिधि चुनने के लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित कर रही है भाजपा सरकार ,, डॉ कैलाश पाण्डेय,
हल्द्वानी। लोकतंत्र को लगातार ताक पर रख रही भाजपा अब उत्तराखण्ड के विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव न कराकर छात्रों को अपने प्रतिनिधि चुनने के लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित कर रही है। उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने खुद विगत वर्षों में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में एक ही दिन छात्र संघ चुनाव कराने पर जोर दिया था और पिछले कई सालों से राज्य सरकार की ओर से ही विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव की एक समान तारीख तय कर अधिसूचना जारी की जा रही थी। अब अचानक राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री और राज्य की भाजपा सरकार छात्र संघ चुनाव समय पर न कराने के लिए राज्य के विश्वविद्यालयों को दोषी ठहरा रहे हैं। जबकि इस असमंजस और छात्र संघ चुनाव की तारीख तय न करने के लिए विश्वविद्यालय नहीं सीधे तौर पर राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री का अड़ियल रवैया जिम्मेदार है। उन्हें इस बात का जवाब देना चाहिए कि पिछले वर्षों की तरह छात्र संघ चुनाव की तारीख तय करने के स्थान पर इस नई नौटंकी के पीछे उनकी क्या मंशा है? लगता तो यही है कि विश्वविद्यालयों को अपनी हनक दिखाने और छात्रों को छात्र संघ के रूप में अपने प्रतिनिधियों को चुनने के लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित करने के लिए उच्च शिक्षा मंत्री ने यह नया पैंतरा चला है, यह बात भाकपा माले के नैनीताल जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने प्रेस बयान में कही।
उन्होंने कहा कि, उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार लिंगदोह कमेटी के नाम पर समय सीमा का हवाला देते हुए छात्र संघ चुनाव न कराने की बात कर रही है लेकिन लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के अनुरूप छात्र संघ चुनाव में धनबल बाहुबल पर रोक लगाने के लिए कभी भाजपा सरकार ने कोई क़दम उठाना तो दूर कभी कोई दिलचस्पी ही नहीं ली। बल्कि इसके ठीक उलट भाजपा के अनुषांगिक संगठन एबीवीपी के कार्यकर्ता ही छात्रों के साथ सबसे ज्यादा गुंडागर्दी, कॉलेज में हुड़दंग, मारपीट, अभद्रता के लिए जाने जाते हैं। 28 सितंबर को शहीदे आजम भगत सिंह के जन्मदिन मनाने पर एम बी पी जी कॉलेज हल्द्वानी और एल बी एस राजकीय महाविद्यालय हल्दूचौड़ में में न सिर्फ एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने विरोध, मारपीट और हंगामा किया वरन भगत सिंह की तस्वीर का भी अपमान किया। कुछ समय पहले हल्द्वानी में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं का एक डॉक्टर को सरेआम पीटते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। छात्र संघ चुनावके प्रचार के दौरान भी विपक्षी प्रत्याशियों और उनके समर्थकों को डराने धमकाने का काम एबीवीपी कार्यकर्ताओं द्वारा किया जा रहा है लेकिन ऐसे समय पर भाजपा की राज्य सरकार और उच्च शिक्षा मंत्री को गुंडागर्दी पर रोक लगाने और लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों पर ध्यान देना जरूरी नहीं लगता बल्कि छात्रों के अपने प्रतिनिधि चुनने के लोकतांत्रिक अधिकार को खत्म करने के लिए ही सारे प्रपंच याद आते हैं।
भाकपा माले मांग करती है कि उत्तराखण्ड के सभी राज्य विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव कराने की अधिसूचना जारी की जाय और छात्र छात्राओं को अपने छात्र संघ चुनने के उनके लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित करने की कोशिश बंद की जाय। डा कैलाश पाण्डेय, जिला सचिव, भाकपा माले, नैनीताल