उत्तराखण्ड
जायडस कॉन्ट्रैक्ट वर्कर यूनियन ने मंडी में आम सभा की और कंपनी मालिक द्वारा मजदूरों को न्याय न देने के खिलाफ हाइकोर्ट जाने का निर्णय लिया।,
, सितारगंज
जायडस कॉन्ट्रैक्ट वर्कर यूनियन ने मंडी में धरना प्रदर्शन करने के बाद ,इस दौरान ऑल इंडिया सेंट्रल कौंसिल ऑफ़ ट्रेड यूनियंस ( ऐक्टू) के प्रदेश महामंत्री कॉमरेड के. के. बोरा ने कहा कि प्रदेश में श्रमिकों का शोषण चरम पर है। उत्तराखंड की भाजपा सरकार पूरी तरह से कॉर्पोरेटपरस्त हो चुकी है। श्रमिकों का हक दिलाने के लिए बना श्रम विभाग भी मजदूरों को सरकार और पूंजीपतियों के गठजोड़ के दबाव में न्याय नहीं दिला पा रहा है। ज़ाइडस वैलनेस कंपनी का मालिक कंपनी को अवैध तरीके से बंद करके जा चुका है लेकिन सरकार व श्रम विभाग अभी भी उसके दवाब में काम कर रहे हैं। इलेक्ट्रोल बॉन्ड में भाजपा को दिए 18 करोड़ रुपए के चंदे के एवज में भाजपा सरकार अवैधानिक बंदी के कारण पीड़ित मजदूरों को न्याय नहीं दिला पा रही है।
इस दौरान यूनियन के संयोजक नरेंद्र सिंह ने कहा कि यूनियन ने जुलाई 2023 में श्रम विभाग में अपील करके औद्योगिक विवाद अधिनियम के लिए अपील की थी। जिस कारण श्रम विभाग की मध्यस्ता में कंपनी प्रबंधन और श्रमिकों के बीच वार्ताएं चली। परन्तु श्रम विभाग अवैध बंदी के दौर का वेतन दिल पाने में अक्षम रहा। माननीय हाइकोर्ट के निर्देश के दवाब में सिर्फ कुछ ही श्रमिकों को ग्रेच्युटी का लाभ श्रम विभाग दिला पाया। परन्तु सभी श्रमिकों को मिलने वाले अवैध बंदी के मुआवजे पर श्रम विभाग न्याय दिलाने में असफल रहा।
श्रमिकों ने एकजुट होकर हाइकोर्ट में अपील करने का निर्णय लिया।
इस दौरान अनिता अन्ना, ज्योति चंद, सूरज भंडारी, आशिक अंसारी, रेशमा , खीमा, उषा, नीलम, अशोक सिंह, संजीव कुमार, कृपाल, पारस, लालमनोहर, लाल सिंह, धर्मानंद जोशी, असर्फीलाल, राजेन्द्र सिंह बिष्ट, प्रदीप कुमार, राजवीर, सर्वे कुमार, रोहित गौतम, छत्रपाल, काशी राम,कृपाल सिंह, राजकिशोर, हरिओम भारती, नन्द किशोर, हरीशचंद्र, प्रधुम्म, श्याम सुंदर, नीलम, जयपाल,सहित सैकड़ों श्रमिक उपस्थित थे।