उत्तराखण्ड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी और NGO की मदद से 16 साल बाद मजदूर राजेश मिल पाया अपनी माँ और बहन से,,मां बोली धन्यवाद सरदार जी,,
उत्तराखंड के चमोली जिले के कौब गांव के राजेश लाल को 16 साल बाद उनकी मां और बहन से मिलाने में एक एनजीओ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राजेश को पंजाब के तरनतारन जिले में एक भैंसों के तबेले में बंधुआ मजदूर के रूप में रखा गया था, जहां उनका उत्पीड़न किया जाता था।
एनजीओ की टीम ने राजेश को न केवल तबेले के मालिक के चंगुल से छुड़ाया, बल्कि उन्हें उनके परिवार से भी मिलवाया। राजेश के परिवार के लिए यह एक भावुक पल था, क्योंकि वे अपने बेटे और भाई से 16 साल बाद मिल रहे थे। परिवार में ऐसे कई राजेश जैसे बंधक बनाकर काम कर रहे होंगे,,लेकिन ऐसे कई राज्यों में भी ऐसे लोग इस तरह का कार्य किए जाना चाहिए जो परिवार से नाराज हो कर घर से चले जाते हैं और वह इनके चुगल में फंस जाते हैं फिर वह बंधुवा मजदूर बनकर कार्य करवाते हैं, अक्सर ये ज्यादा तर बड़े बड़े फर्मों में देखने को मिलता है,,
मामले की जांच और कार्रवाई:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वायरल वीडियो का संज्ञान लिया और जिलाधिकारी चमोली को राजेश की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए।जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि तबेले के मालिक पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।तहसील की टीम भी राजेश के घर पहुंची और मामले की जांच शुरू की।
इस मामले में एनजीओ की भूमिका की सराहना की जा रही है, जिन्होंने राजेश को उनके परिवार से मिलवाने में मदद की। अब राजेश के परिवार को उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा और वे अपने बेटे और भाई के साथ खुशी से जीवन बिता पाएंगे।
