उत्तराखण्ड
गैरसैंण को गैर क्यों ! रीजनल पार्टी ने मांगा जबाब,
देहरादून आगामी बजट सत्र देहरादून में करने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी की सिफारिश के बाद राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने तीखे तेवर अपना लिए हैं।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि सरकार गैर मसैण के नाम पर सिर्फ जनता को छल रही है।
सेमवाल ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा सर्दियों में ठंड लगने का बहाना बनाया जाता है, तो बरसात में आपदा आने का, तथा गर्मियों में चार धाम यात्रा के प्रभावित होने का तर्क दिया जाता है। लेकिन इस बार विधानसभा सत्र देहरादून में करने को लेकर इस तरह का कोई भी तर्क सरकार के पास नहीं है। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी का देहरादून में सत्र कराए जाने की सिफारिश करने का कोई औचित्य नहीं है। इससे साफ हो गया है कि सरकार पर्वतीय राज्य की अवधारणा के प्रति कतई गंभीर नहीं है !
शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि राज्य बनने के 25 साल बाद भी सरकार गैरसैंण में इतनी न्यूनतम ढांचागत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कर पाई हैं कि वहां पर दो-तीन दिन का सत्र भी सुचारू रूप से संचालित कराया जा सके।
सेमवाल ने आरोप लगाया कि सत्र करने के लिए भोजन से लेकर बोरिया बिस्तर तक देहरादून से किराए पर ले जाया जाता है और सत्र के बाद गैरसैंण विधानसभा भवन पुनः भूतिया खंडहर में तब्दील हो जाता है।
सेमवाल ने कहा कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी का नाम देना मात्र एक जुमला है। ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के बाद से यहां पर इस नजरिए से कोई भी विकास कार्य नहीं हुए हैं कि यहां पर विधानसभा सत्र तक ठीक से कराया जा सके।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने सरकार से मांग की है कि गैरसैंण को जिला घोषित किया जाए और यहां पर सुविधाएं विकसित की जाएं, लेकिन पहले सरकार खुद यहां पर विधानसभा सत्र सुचारू रूप से करने की व्यवस्था करें।
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा देहरादून में सत्र कराने की सिफारिश करने के पीछे यही कारण है कि सरकार गैरसैंण में विकास कार्य करने में असफल रही है।
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