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उत्तराखण्ड

समाजवादी पार्टी उत्तराखण्ड के प्रभारी हाजी अब्दुल मतीन सिद्दीक़ी ने हल्द्वानी बनभूलपुरा बनाम रेलवे प्रकरण पर चर्चा करते हुए बताया ।

माननीय उच्चतम न्यायालय में हल्द्वानी रेलवे प्रकरण के संबंध में तीन जजों की बेंच ने सुनवाई करते हुए रेलवे को चार सप्ताह में एक सर्वे कर शपथ पत्र न्यायालय में दाख़िल किये जाने हेतु आदेशित किया गया है जिसमे कितनी लंबाई वा चौड़ाई रेलवे को अपने विस्तार के लिए चाहिए साथ ही इसमें स्पष्ट सभी रेवेन्यू से संबंधित खेत वा खसरा नंबर लिखे गए हो, और इस में प्रभावित जनता को किस तरह से और कहा पुनर्वास किया जायेगा का भी पूर्ण विवरण उपलब्ध कराए, ११ सितंबर २०२४ को सुनवाई की अगली तिथि नियत करते हुए सभी संबंधितों को माननीय न्यायल में उपस्थित रहने के आदेश दिए गए हे, अब्दुल मतीन सिद्दीक़ी की याचिका पर सुनवाई में वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंजलविस, प्रशांत भूषण, अक्षत कुमार, कवलप्रीत कौर, रिया यादव, उमेश कुमार आदि व अन्य याचिकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट सिधार्थ लूथरा, सलमान ख़ुर्शीद सरदार संप्रीत सिंह आदि मौजूद रहे, याचिकाकर्ता मतीन सिद्दीक़ी जी का कहना है कि यदि रेलवे गोला नदी की ओर से बनने वाली रिटाइनर वाल को सही से बनवा दे तो फिर कही भी रेलवे को भूमि की जरूरत नही है।श्री सिद्दीक़ी ने कहा कि रेलवे व प्रदेश सरकार को भी माननीय उच्चतम न्यायालय की भाँति मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए ग़रीब जनता के हित में निर्णय लेने चाहिये मात्र एक रिटर्निग वाल बनने से ही सारी समस्या का हल निकल सकता है।जिसके बनने के बाद ना तो रेलवे स्टेशन को कोई ख़तरा होगा। और ना ही किसी के आशियाने को उजाड़ने की ज़रूरत पड़ेगी।


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