उत्तराखण्ड
आंदोलन के लेकर राजनीतिक दलों में श्रेय लेने की होड़
गौला संघर्ष समिति के दुवारा किये गए आंदोलन का आजकल राजनीतिक दलों में देखने को मिल रहा है अपना श्रेय लेने के फूल मालाओं के अपना स्वागत करवा कर अखबार की सुर्खियों बटोर रहे अभी एक राजनीतिक दल के नेता ने कहा कि कि प्रशासन व स्टोन क्रेशर स्वमियो की बीच सेतु का काम हमने किया है पर इसका श्रेय कोई और ले रहे है दो दिन से इस चर्चा को लेकर बाजार बहुत गर्म है लेकिन अपनी मांगों को लेकर डम्पर स्वमियो का कहना कि हम सिर्फ अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है हमे राजनीति दलों से कोई लेना देना नही है आज डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं पर हमारा भाड़ा 10 साल पुराना ही चल रहा है भाड़े में वृद्धि से हर व्यक्ति को फर्क पड़ता है अगर हमारा भाड़ा बढ़ता है तो इसका फायदा हमे नही मिल पाता है हमारे भाड़े की आढ में दुसरो को फायदा पहुँचता है आज वाहन स्वामी इन वाहनों से अपने परिवार का भरण पोषण पूर्ण रूप से नही कर पाता है टायर टेक्स इंसोरेंस सभी मे50 गुना बढ़ोतरी हुई हैं और वाहन स्वमियो की आय में कमी आई हैं ऊपर से पुलिस ,परिवहन विभाग का उत्पीड़न ,कहा जाए वाहन स्वामी इस आंदोलन से राजनीतिक दलों को जरूर फायदा होता है कुल मिलाकर इस आंदोलन से राजनीतिक दलों में श्रेय लेने की होड़ लगी हुई हैं।