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उत्तराखण्ड

हल्द्वानी में “पहाड़ी पिसी नूण” स्टोर का शुभारंभ प्रधानमंत्री मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ मंत्र को आत्मसात कर युवाओं ने उठाया सराहनीय कदम

हल्द्वानी। आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी उत्पादों के प्रचार-प्रसार की दिशा में प्रेरणास्पद पहल करते हुए कुसुमखेड़ा चौराहे पर “पहाड़ी पिसी नूण” नामक नए स्टोर का उद्घाटन किया गया। इस प्रतिष्ठान की स्थापना तीन युवा उद्यमियों—सौरभ पंत, संदीप पांडे और योगेंद्र चुफाल—के प्रयासों से की गई है।कार्यक्रम के अवसर पर अतिथियों, सामाजिक प्रतिनिधियों और स्थानीय नागरिकों की मौजूदगी में रिबन काटकर उद्घाटन किया गया। उपस्थित जनों ने तीनों युवाओं की इस पहल को ना केवल रोजगार सृजन का माध्यम बताया, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को आगे बढ़ाने वाला ठोस कदम भी कहा।स्टोर की विशेषतास्टोर के संचालकों ने यह विश्वास जताया कि यहां केवल स्वदेशी और स्थानीय स्तर पर निर्मित उत्पाद ही उपलब्ध कराए जाएंगे।सौरभ पंत ने बताया कि “पहाड़ी पिसी नूण” का उद्देश्य लोगों को घरेलू, हस्तशिल्प और भारतीय उत्पादों की ओर आकर्षित करना है।उनका कहना था कि स्थानीय व्यवसायों और किसानों को बढ़ावा देने के लिए यह मंच सहायक साबित होगा।इस पहल से छोटे-छोटे उद्योगों और कारीगरों को सीधा लाभ पहुंचेगा और लोगों की खरीदारी का रुझान स्वदेशी उत्पादों की ओर बढ़ेगा।अतिथियों की भूमिका व संदेशइस अवसर पर प्रमुख समाजसेवी और जन प्रतिनिधि भी कार्यक्रम में शामिल हुए और युवाओं को शुभकामनाएं दीं।जिला पंचायत सदस्य छवि कांडपाल बोरा ने कहा कि ऐसे प्रयास आने वाली पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करेंगे।नगर पार्षद धीरज पांडे ने कहा कि “पहाड़ी पिसी नूण” जैसे स्टोर स्थानीय उद्यमशीलता और भारतीय संस्कृति को मजबूती प्रदान करेंगे।प्रमोद बोरा ने इसे स्थानीय अर्थव्यवस्था को संबल देने वाला सराहनीय कदम बताया।वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत से जुड़ाव‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान का सीधा उद्देश्य जनता को स्वदेशी उत्पादों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए इस मंत्र की मिसाल अब स्थानीय स्तर पर भी देखने को मिल रही है। “पहाड़ी पिसी नूण” स्टोर की शुरुआत न केवल व्यावसायिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक जागरूकता और राष्ट्रहित से जुड़ा हुआ कदम भी है।निष्कर्षहल्द्वानी की धरती से उठाया गया यह युवा प्रयास एक ओर जहां आत्मनिर्भर भारत अभियान को बल प्रदान करेगा, वहीं दूसरी ओर छोटे उद्योगों, किसानों और कारीगरों को भी बाज़ार में उचित पहचान दिलाने में सहायक बनेगा। सभी अतिथियों और नागरिकों ने इस शुरुआत को ऐतिहासिक और अनुकरणीय करार दिया।

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