उत्तराखण्ड
नियमो को ताक पर रख कर रैली निकाली जा रही हैं, जैसे हम पूर्ण रूप से सुरक्षित है,
चुनावों की बरसात शरू हो चुकी हैं चाहे वो व्यपारियों का हो या राजनीति दलों का हो पड़ नियमो की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं अभी राजनीतिक दल की रैली निकाली जिसमे तमाम हजूम इक्कठा हुआ वो भी नियमो को ताक पर रख कर ,रैली निकाली गई ,अभी हम कोरोना की दूसरी लहर से गुजरे है कि ईश्वर में हमे बचाया है पर सब भूल गए हैं उन भयानक मंजर में न जाने कितने परिवार इस संक्रमण से गुजरे होंगे और कितनो की जाने गई हैं वो सब मंजर भूल गए अभी कुछ दिन पूर्व एक राजनीतिक दल ने रैली निकाली जिसमे नियमो को ताक में रख कर रैली निकाली गई एक ने भी मास्क नही लगाया हुआ था आज व्यापार मंडल के चुनाव में देखा गया है कि किस तरह भीड़ का हजूम उमड़ा हुआ है आज कोरोना से दो की जान गई है ,पर न मास्क जरूरी न ही सोशल डिस्टेंटिस ,अगर ये महामारी दुबारा रूप ले गई तो संभला भी मुश्किल हो जाएगा ,इस पर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए कि खतरा टला नही है ,और इस तरह की भीड़ से खतरा और भी बढ़ सकता है