उत्तराखण्ड
पहाड़ी आर्मी ने मुख्यमंत्री घस्यारी योजना पर उठाए सवाल ।
पहाड़ी आर्मी ने मुख्यमंत्री घस्यारी योजना पर उठाए सवाल
पहाड़ी आर्मी के संयोजक हरीश रावत ने कहा हमारा संगठन सरकार के इस योजना के विरोध में नहीं है पर धामी सरकार पहले जनता को यह बताएं कि इस योजना से पहाड़ के किसानों का विकास कैसे संभव है इसके लिए हरीश रावत ने सरकार से 10 सवाल पूछे हैं उन सवालों में पूछा गया है कि
सवालNo1.जो घास दुकान में बेची जाएगी वह घास कहा से आयेगी यदि मक्के के घास से बने साइलेज( पशु आहार )को घास कहते है तो आज तक दुकानों में बिकने वाले पशु आहार को क्या कहते है?
सवालNo2. अगर पहाड़ों में आयुर्वेदिक जड़ी बूटी युक्त घास पर्याप्त मात्रा में मिलती है और पशु को दुधारू बनाने के लिए भट,जौ,भिमल फरसया और अन्य अनाज का चौकड़ दिया जाता है तो साईलेज बेचना क्यों ज्यादा महत्वपूर्ण हो रहा है ?
सवालNo3.यदि दुकान में सरकार घास बेचने लगेगी तो जंगलो के घास में एकाधिकारी किसका होगा ? कही ऐसा तो नही हमारे बुजुर्गो के द्वारा संरक्षित जंगलो के घास को धीरे धीरे कॉरपोरेटस के हवाले कर दिया जाएगा फिर हमारे घास को हम को ही बेचा जाएगा और लुभाने के लिए पहले 2 रुपये किलो फिर 5 ,10, 30 50 ,जब जंगल की घास कॉरपोरेटस के हाथों बिक चुकी होगी फिर उनकी मोनोपोली और पहाड़ के पशुपालक खरीदने के लिए
मजबूर होंगे जैसे लकड़ी और खनन में होता है सरकार के रेट पर ही अपने जंगल की लकड़ी और अपनी जमीन का रेता खरीदना पड़ता हैं।
सवालNo4. पहाड़ की महिलाएं जंगल के पारिस्थिकी में बड़ी भूमिका अदा करती है मौसम के आधार पर जंगलो से घास लाती है और जंगल में जो चारे के छोटे बड़े कई प्रकार पेड़ होते है जिस घास से पशु दुधारू बनते हैं उनकी लोपिंग करती है वह कौन करेगा और पशुओ को जड़ी बूटी युक्त घास कहा से मिलेगा?
सवालNo5. क्या ऐसे में इस योजना से पहाड़ के किसानों का आत्मबल बढ़ेगा?
सवालNo6. पर्यावरण पारिस्थितिकी को बेहतर करने में पहाड़ की महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है जिस कारण से उत्तर भारत ही नहीं संपूर्ण देश के पर्यावरण को शुद्ध करने में पहाड़ के किसान महिलाओं सम्मानित करना उचित होता या यह योजना?
सवालNo7. यह योजना संपूर्ण उत्तराखंड के लिए है तो इसका फायदा मैदान के किसानों को ज्यादा मिलेगा क्योंकि वह पहले से ही पशुओं को इस तरह का चारा देते हैं जो कई गुना ज्यादा कीमत में खरीदते हैं जबकि पहाड़ में प्रचुर मात्रा में घास उपलब्ध है तो इस तरह के पशु आहार की आवश्यकता कम पड़ती है इस योजना का नाम घसियारी रखना क्यों जरूरी था अगर इसका अधिक फायदा घसियारियो को मिलना ही नहीं है?
सवालNo8. साईलेज उत्पादक कम्पनी और सरकार का सहकारिता मंत्रालय यह बताये यदि दुकान में घास बेचने की तैयारी है तो पहाड़ में बेहतर घास उगाने का क्या रोड मैप है जिससे विश्व के पर्यावरण में पहाड़ो से क्रान्तिकारी सन्देश निकलेगा? और पहाड़ों के किसानों की दशा सुधरेगी ?
सवालNo9. अगर पशु आहार से ही पशु दुधारू होंगे तो यह भी बताए पहाड़ो के खेतों में डाली जाने वाली कम्पोस्ट खाद जो घास से बनती है वह कैसे बनेगी जिससे पहाड़ की ऑर्गेनिक खेती बची रहेगी ?
सवालNo10. दुनिया का कौन सा हिमालयी देश या क्षेत्र ऐसा है जहां यह प्रयोग सफल रहा है और वहां के किसानों की दशा बदली है?