उत्तराखण्ड
22 वे दिन भी आशा वर्करों की हड़ताल जारी विधायक विधानसभा क्यों नहीं उठा रहे हैं सवाल , कमला कुंजवाल
22 वे दिन भी आशा वर्करों की हड़ताल जारी , विधायक विधानसभा में क्यों नहीं उठा रहे हैं सवाल,
• आशाओं को मासिक वेतन क्यों नहीं, विधानसभा में जवाब दे सरकार : कमला कुंजवाल
• सभी विधायक आशाओं के शोषण का सवाल विधानसभा में उठाएं
• आशा हड़ताल के बाइस दिन
राज्य की भाजपा सरकार की घोर उपेक्षा के चलते आशा हड़ताल और धरना बाइसवें दिन भी जारी रहा। उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल द्वारा कहा गया कि, “देहरादून में विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है। आशाओं को काम करते हुए पन्द्रह सालों के बाद भी मासिक वेतन क्यों नहीं दिया जा रहा है, यह शोषण की व्यवस्था कब तक चलेगी विधानसभा में इसका जवाब सरकार को देना चाहिए।” उन्होंने कहा कि, “सभी विधायक आशाओं के शोषण का सवाल विधानसभा में उठाएं और आशाओं को मासिक वेतन फिक्स करने की मांग करें। वैसे भी आशा वर्कर्स ने सभी पक्ष-विपक्ष के विधायकों को अपना मांग पत्र लिखकर दिया है। विधायकों ने भी विधानसभा में मुखर होकर आशाओं की बात रखने का वायदा किया है। यदि विधायकों द्वारा वादाखिलाफी की गई तो विधानसभा सत्र के पश्चात क्षेत्र में आने पर उनसे जवाब तलब किया जायेगा।”
हड़ताल के बाइसवें दिन के धरने पर बैठने वालों में कमला कुंजवाल, रिंकी जोशी, किरन पलड़िया, शांति शर्मा, हंसी बेलवाल, सुनीता मेहरा, सायमा सिद्दीकी, नीमा देवी, चम्पा मंडोला, हंसी फुलारा, शाइस्ता परवीन, नसीमा, मंजू रंगवाल, शहनाज, कविता बिष्ट, मीना केसरवानी, राबिया, सलमा, कमरुन्निशा, मीना शर्मा, बसंती बिष्ट, पुष्पा जोशी, दीपा बिष्ट, दीपा परगाई, कंचन, भगवती बेलवाल, बबिता, चंद्रेश, रुखसाना, परवीन
आदि शामिल रहीं।
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