उत्तराखण्ड
कथावाचक पंडित अवधेश मिश्र ने भागवत को कलिकाल का कल्पवृक्ष बताया
परीक्षित मोक्ष ध्रुव चरित्र अजामिल की मुक्ति आदि प्रसंगों का सुंदर वर्णन हुआ श्रीमद् भागवत कथा में
लालकुआ वरिष्ठ पत्रकार अजय उप्रेती
कथावाचक पंडित अवधेश मिश्र ने भागवत को कलिकाल का कल्पवृक्ष बताया
रुद्रपुर यहां किच्छा रोड स्थित भूत बंगला रंपुरा क्षेत्र में मानव उत्थान सेवा समिति के तत्वाधान में मानव उत्थान सेवा समिति के तत्वावधान में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन सदगुरुदेव श्री सतपाल महाराज जी के परम शिष्य प्रख्यात कथावाचक पंडित अवधेश मिश्र के द्वारा श्रद्धालुओं को महामुनी सुकदेव द्वारा परीक्षित को कथा पान कराया जाना ध्रुव चरित्र तथा अजामिल को अंतिम समय में श्री हरि नारायण के दर्शन होने जैसे सुंदर एवं ज्ञानवर्धक प्रसंग सुनाए गए चिलचिलाती धूप के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कर काम क्रोध लोभ मोह ईर्ष्या अहंकार तथा रस रूप गंध शब्द स्पर्श विषय वासनाओं से दूर होकर ज्ञान भक्ति और वैराग्य की त्रिवेणी में गोता लगा रहे हैं कथावाचक पंडित अवधेश मिश्र ने कहा कि श्रीमद्भागवत कलि काल का कल्पवृक्ष है जो तमाम प्रकार के लौकिक और अलौकिक वस्तुओं के अलावा श्री हरि नारायण की भक्ति प्रदान करता है उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति श्रद्धा भाव से श्रीमद्भागवत का रसपान कर लेता है फिर उसके लिए जीवन में कुछ भी दुर्लभ नहीं है मानव उत्थान सेवा समिति के कुमाऊं प्रभारी सद्गुरुदेव सतपाल महाराज जी के अनन्य शिष्य महात्मा सत्यबोधा नंद जी ने इस अवसर पर श्रद्धालुओं को श्रीमद् भागवत कथा का महत्व समझाते हुए कहा कि श्री हरि नारायण ने जो चतुर्थ श्लोक ब्रह्मा को प्रदान किए ब्रह्मा ने देव ऋषि नारद को और देव ऋषि नारद ने महर्षि व्यास को तथा महर्षि व्यास ने महामुनि सुकदेव को प्रदान किए उन्हीं 4 श्लोकों का वास्तविक ज्ञान कराने के लिए पंडित अवधेश मिश्र हम सबके बीच में हैं उन्होंने कहा कि वह 4 श्लोक क्या हैं उन्हें समझना ही नितांत आवश्यक है और समय के सद्गुरु ही 4 श्लोकों का वास्तविक अर्थ समझा कर मानव के जीवन का कल्याण करते हैं महात्मा प्रचारिका बाई हेमंती बाई सावित्रीबाई महात्मा मानसानंद ने भी इस अवसर पर उपस्थित भागवत भक्तों का मार्गदर्शन किया इस अवसर पर शिवराज सिंह कन्हैया सिंह नंदन सिंह अजय उप्रेती सोमवीर सिंह हरीश चंद्र कांडपाल भगवानदास बर्मा महेश चंद्र पांडे ज्वाला दत्त पाठक राधे राम आर्य जगदीश चंद्र अग्रवाल उर्मिला शैली अग्रवाल दीक्षा सुमन शांति नंदी भट्ट अजय शर्मा समेत अनेकों श्रद्धालु मौजूद थे