उत्तराखण्ड
शहीद चन्द्रशेखर का पार्थिव शरीर चित्रशिला घाट में राजकीय सम्मान व आर्मी बैण्ड की धुन के साथ भावभीनी विदाई दी गई।
हल्द्वानी ,, 1984 में सियाचिन में आपरेशन मेघदूत के दौरान लांसनायक चन्द्रशेखर शहीद हो गये थे, 38 वर्ष के पश्चात शहीद चन्द्रशेखर का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके आवास पहुँचने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी एवं जनपद प्रभारी मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
• बुधवार को जैसे ही शहीद चन्द्रशेखर हर्बाेला का पार्थिव शरीर डहरिया स्थित उनके आवास पर पहुँचा, पूरा क्षेत्र देश भक्ति नारों से गुंजायमान हो गया, पार्थिव शरीर को घर के आंगन में पहुँचता देख शहीद की वीरांगना शान्ति देवी, पुत्री कविता, बबीता व अन्य परिजन शोक में गमगीन हो गये। इस दौरान जब तक सूरज चांद रहेगा शहीद चन्द्रशेखर तेरा नाम रहेगा के नारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो गया।
• इसके पश्चात शहीद चन्द्रशेखर हर्बाेला के पार्थिव शरीर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी एवं महिला सशक्तिकरण मंत्री रेखा आर्या सहित परिजनों, सैन्य अधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित किये।
• इस दौरान मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा शहीद चन्द्रशेखर के बलिदान को हमेशा याद रखा जायेगा। उन्होेंने कहा देश के लिए बलिदान देने वाले उत्तराखण्ड के सैनिकों के लिए सैन्यधाम की स्थापना की जा रही है। शहीद चन्द्रशेखर की स्मृतियों को भी सैन्यधाम में संजोया जायेगा।
• सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि शहीद चन्द्रशेखर की शहादत को हमेशा याद रखा जायेगा। उन्होेंने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा तथा देश की संप्रभुता एवं अखण्डता बनाये रखने के लिए सर्वाेच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिक सपूतों, तथा उनके परिजनों के मान-सम्मान एवं कल्याणार्थ के लिए सरकार सदैव तत्पर है।
• पुष्प चक्र अर्पित करने के पश्चात शहीद चन्द्रशेखर का पार्थिव शरीर चित्रशिला घाट रानीबाग के लिए रवाना हुआ, जहां शहीद को पूरे राजकीय सम्मान व आर्मी बैण्ड की धुन के साथ भावभीनी विदाई दी गई। चित्रशिला घाट पर सैकडों की संख्या में लोगों द्वारा नम आंखों से शहीद को विदाई दी गई।