उत्तराखण्ड
जिला स्तरीय वनाग्नि सुरक्षा समिति की बैठक जिलाधिकारी अनुराधा पाल की अध्यक्षता में मंगलवार को तहसील सभागार में संपन्न हुई।
बागेश्वर
जिला स्तरीय वनाग्नि सुरक्षा समिति की बैठक जिलाधिकारी अनुराधा पाल की अध्यक्षता में मंगलवार को तहसील सभागार में संपन्न हुई। बैठक में अग्नि सुरक्षा योजना के उद्देश्य, दावाग्नि के प्रकार तथा कारण, वन अग्नि दुर्घटना के दुष्परिणाम एवं नियंत्रण के उपाय सहित वनाग्नि काल 2023 की चुनौतियों को लेकर आवश्यक चर्चा की गयी।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि दावाग्नि के दौरान सर्वप्रथम रेस्पोंडेंट ग्रामीण होते है, ऐसे में विभाग वनाग्नि से बचाव व रोकथाम हेतु लोंगो को जागरूक करें। आम आदमी क्षेत्र में लगने वाली वनाग्नि की सूचना वन विभाग या कंट्रोल रूम को समय से पहुँचा सके, इसके लिए अति संवेदनशील स्थलों पर वन विभाग एवं कंट्रोल रूम के नम्बरों का प्रचार प्रसार किया जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि वनाग्नि को राकने के लिए जनसहभागिता अधिक से अधिक हो, इसके लिए यह जरूरी है कि संबंधित ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधानों, ग्राम पंचायत सदस्यों को प्रशिक्षण देकर उनके दायित्व निर्धारित किए जाय तथा युवा मंगल दलो व आपदा मित्रों को प्रशिक्षित किया जाए तथा जंगलों में आग वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
उन्होंने कहा कि क्रू स्टेशनों का रखरवाव उचित ढंग से हो तथा कंट्रोल रूम में वनाग्नि की सूचना समय से आए इसके लिए संबंधितों को हमेशा सर्तक रहने के निर्देश दिए जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि वनाग्नि के कारण किसी भी प्रकार की जन हानि या अन्य प्रकार का नुकसान न हो यह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, इसलिए सब डिविजन स्तर पर इसकी बैठके आयोजित कर माइक्रो प्लांन तैयार किया जाय तथा राजस्व उपनिरीक्षको के माध्यम से ग्राम समितियो को भी सक्रिय करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि वनाग्नि की घटनाओं को कम करने के लिए स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ ही जनप्रतिनिधियों को भी इसमें सम्मिलित किया, तथा ग्राम पंचायत स्तर पर गोष्ठियां आयोजित कर अधिक से अधिक लोगो को जागरूक किया जाय। जिलाधिकारी ने परिवहन विभाग को वाहनों में अग्नि से वनों की सुरक्षा संबंधित स्लोगन तथा यात्रियों से जलती दिया सलाई व अन्य ज्वलनशील पदार्थ न फेंकने हेतु निवेदन कर उनका सहयोग लेने का प्रयास करने हेतु निर्देशित करते हुए शादी-विवाह व अन्य अवसरों पर रात्रि में पटाखों का उपयोग न करने को जागरूक करने को कहा। जिलाधिकारी ने सडक महकमे के अधिकारियों को मोटर मार्गो के डामरीकरण का कार्य करने पर पूर्ण सावधानी बरतने तथा डामरीकरण उपरांत जलती आग न छोडे जाने को सख्त निर्देश दिए।
बैठक के दौरान प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागरी ने अग्नि सुरक्षा योजना के उद्देश्य के तहत जनपद के अंतर्गत समस्त आरक्षित, पंचायती व सिविल वन क्षेत्रों में अग्नि सुरक्षा के लिए अग्नि निवारक तथा अग्नि नियंत्रण के उपाय, वनाग्नि के दुष्परिणामों के प्रति जन-जागरुकता व गोष्ठियों के माध्यम से स्थानीय निवासियों की सहभागिता, अग्नि दुर्घटनाओं के लिए दोषियों को दंडित करने सहित दावाग्नि से वन एवं वन्य जंतुओं की सुरक्षा कर पर्यावरण संतुलन महत्व पर प्रकाश डाला। इस दौरान समिति के सदस्यों ने भी दावाग्नि रोकने के अपने-अपने सुझाव रखे।
बैठक में अपर जिलाधिकारी चन्द्र सिंह इमलाल, जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या, पुलिस उपाधीक्षक एसएस राणा, मुख्य शिक्षा अधिकारी जीएस सोन, जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 हरीश पोखरिया, अधि0अभि0 जल संस्थान सीएस देवडी, जल निगम वीके रवि, पीएमजीएसवाई विजय कृष्ण, ग्रामीण निर्माण विभाग रमेश चन्द्रा, जिला पूर्ति अधिकारी मनोज कुमार बर्मन, जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट, खंड विकास अधिकारी आलोक भण्डारी, महाप्रबंधक उद्योग जीपी दुर्गापाल, परिहवन कर अधिकारी हरीश रावल, तहसीलदार दीपिका आर्या, आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल, वृक्षप्रेमी किशन सिंह मलडा सहित वन क्षेत्राधिकारी, वन पंचायत सरपंच व अनेक अधिकारी मौजूद थे।