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उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड की बेटी के साथ हुई दुर्घटना घटित होने की पूर्ण सम्भावना बनी हुई है, जिससे में व मेरा पूरा परिवार अत्यधिक भयभीत हैं डा सुरभि पांडे ,

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श्री दीपक करगेती द्वारा अभद्रता करते हुए धमकी दिये जाने तथा विभिन्न माध्यमों से बदनाम किये जाने के सम्बन्ध में।

मुझे ज्ञात हुआ है कि कल दिनांक 06.10.2022 को मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन महोदय की अध्यक्षता में जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से सम्पन्न बैठक में आपके द्वारा कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक ऐसा सिस्टम तैयार करने के निर्देश दिये गये, जिससे किसी भी महिला के साथ यदि कोई अप्रिय घटना घटित हो तो तत्काल उनकी मदद की जा सके, जो महिलाओं के पक्ष में सरकार की अभिनव पहल है। उत्तराखण्ड की महिलाओं कार्मिकों का सौभाग्य है कि महिलाओं की सुरक्षा से सम्बन्धित गृह एवं कारागार जैसा विभाग आपके जैसी भारतीय प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी के कुशल मार्ग निर्देशन में क्रियान्वित हो रहा है।

महोदया के सादर संज्ञान में लाना है कि दिनांक 31 अगस्त 2022 को श्री दीपक करगेती, Co श्री आन्नद वल्लभ तिवारी, लिशा डिपॉट, नजदीक शीशमहल, काठगोदाम, हल्द्वानी, नैनीताल द्वारा प्रार्थिनी के साथ कार्यालय निदेशक बागवानी मिशन, राजकीय उद्यान, सर्किट हाउस, देहरादून में अभद्रता करने के साथ-साथ अपना राजनैतिक प्रभाव दिखाते हुए धमकी दी गयी। इसके अतिरिक्त श्री दीपक करगेती द्वारा उक्त घटना घटित करने के उपरान्त से लगातार आमरण अनशन, सोसल मीडिया (https://www.facebook.com/deepak.kargeti https://www.facebook.com/profile.php?id=100079693465478), प्रेस विज्ञप्ति इत्यादि के माध्यम से प्रार्थिनी की सामाजिक प्रतिष्ठा एवं सम्मान को हानि पहुचाते हुए बदनाम किया जा रहा है। महोदय श्री दीपक करगेती द्वारा आमरण अनशन के नाम पर जनपद देहरादून के बीचों-बीच स्थित मसहूर स्थल गाँधी पार्क से मेरी सामाजिक प्रतिष्ठा व आत्म सम्मान को धूमिल करते हुए बैनर के माध्यम से प्रसारित किया गया कि “महिला उत्पीड़न के नाम पर झूठी एफ.आई.आर. की निष्पक्ष जाँच हो तथा “सुरभि पाण्डे मुर्दाबाद” के नारे लगवाये गये। इसके अतिरिक्त श्री दीपक करगेती द्वारा सोशल मीडिया (फेसबुक) के माध्यम से प्रचार किया जा रहा है कि महिला कार्मिक को हथियार बनाकर मेरे खिलाफ झूठी FIR कर दी गयी है। इस प्रकार श्री दीपक करगेती द्वारा अपने अनैतिक कृत्यों को झूठी FIR का नाम देते हुए राजकीय कार्यालय में की गयी अभद्रता को छुपाने का प्रयास कर मुझे बदनाम किया जा रहा है। महोदया श्री दीपक करगेती द्वारा मेरे साथ की गयी अभद्रता, अपना राजनैतिक प्रभाव दिखाते हुए दी गयी धमकी तथा सोशल मीडिया के माध्यम से बदनाम किये जाने के सम्बन्ध में न्याय प्राप्त करने हेतु विभिन्न स्तरों पर निम्नानुसार अनुरोध किया गया है:

  1. दिनांक 31.08.2022 को थाना प्रभारी, कैंट थाना, देहरादून में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी, जिस क्रम में श्री दीपक करगेती के विरूद्ध धारा 354 तथा धारा 332 के क्रम में अभियोग दर्ज किया गया (संलग्नक- 1)।
  2. दिनांक 01.09.2022 को पुलिस महानिदेशक, देहरादून (उत्तराखण्ड) से

लिखित अनुरोध किया गया (संलग्नक – 2 ) 1 3. दिनांक 03.09.2022 को पुलिस अधीक्षक, साईवर क्राईम उत्तराखण्ड से लिखित अनुरोध करते हुए प्रार्थिनी को बदनाम होने से बचाने के लिए श्री दीपक करगेती द्वारा संचालित फेसबुक की समस्त आई०डी० बन्द किये जाने का अनुरोध किया गया प्रार्थिनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून की निगरानी में जॉच के निर्देश दिये गये हैं (संलग्नक – 4)। साथ ही श्री दीपक करगेती द्वारा बेल हेतु किये गये आवेदन को भी सक्षम मा० न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया है। 5. दिनांक 22.09.2022 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून से लिखित

अनुरोध किया गया (संलग्नक – 5)। 6. दिनांक 29.09.2022 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून से लिखित अनुरोध किया गया (संलग्नक – 6)।

दिनांक 29 सितम्बर, 2022 को माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में प्रार्थिनी की धारा 164 के अन्तर्गत कथन / बयान मैजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज किये गये। महोदया विगत कुछ दिनों से मुझे आभास हो रहा है कि कुछ संदिग्ध लोग मेरा पीछा कर रहे हैं, यह संदिग्ध लोग श्री दीपक करगेती द्वारा

प्रायोजित होने की पूर्ण सम्भावना है। उक्त घटनाक्रम को घटित हुए एक माह से अधिक समय व्यतीत होने के उपरान्त भी श्री दीपक करगेती लगातार विभिन्न माध्यमों से मा० उच्च न्यायालय एवं उत्तराखण्ड की कानून व्यवस्था को चुनौती देते हुए प्रार्थिनी की सामाजिक प्रतिष्ठा एवं सम्मान को हानि पहुचाते हुए बदनाम किया जा रहा है तथा माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जाँच किये जाने के निर्देश दिये जाने के उपरान्त भी भ्रामक तथ्य फैलाते हुए अपनी जाँच को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही ऐसा परिलक्षित हो रहा है कि उनके द्वारा असंवैधानिक तरीके से विभिन्न स्त्रोतों से धन इकट्ठा कर इन नकारात्मक गतिविधियों में प्रयोग किया जा रहा है। श्री दीपक करगेती अपने राजनैतिक प्रभाव के कारण प्रकरण की पारदर्शितापूर्ण जाँच नहीं होने दे रहे हैं, जिसको ध्यान में रखते हुए उन्हें संरक्षण देने वाले प्रभावशाली व्यक्तियों का भी पता लगाया जाना आवश्यक है। श्री दीपक करगेती के विरूद्ध कोई कार्यवाही न होने के कारण उनके हौसले दिन प्रतिदिन बुलन्द होते जा रहे हैं, उन्हें अपने राजनैतिक प्रभाव के कारण ना तो कानून व्यवस्था का कोई डर है और न ही मा० उच्च न्यायालय का कोई डर है। श्री दीपक करगेती की फेसबुक आई0डी0 पर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के लगभग 5000 से अधिक लोग जुड़े हुए हैं, जिनके द्वारा भी श्री दीपक करगेती के बहकावे में आकर प्रार्थिनी को बदनाम करने हेतु Comments किये जा रहे हैं। साथ ही श्री दीपक करगेती द्वारा मातृशक्ति के नाम पर महिलाओं को इक्ट्ठा कर प्रार्थिनी के विरुद्ध अनाप सनाप बयान देकर बदनाम किया जा रहा है, जिसके कारण प्रार्थिनी के मन में घोर हताशा, निराशा एवं कुण्ठा व्याप्त होने के साथ-साथ मुझे मानसिक उत्पीड़न भी झेलनी पड़ रही है।

महोदया श्री दीपक करगेती द्वारा उपरोक्तानुसार किये जा रहे कुकृत्यों से हालही में उत्तराखण्ड की बेटी के साथ हुई दुर्घटना प्रार्थिनी के साथ घटित होने की पूर्ण सम्भावना बनी हुई है, जिससे में व मेरा पूरा परिवार अत्यधिक भयभीत है, जिसमें मेरे वृद्ध माता-पिता भी सम्मिलित हैं, जो कि वृद्धावस्था के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हैं तथा इस बदनामी व भय को सहन करने में अत्यन्त असमर्थ है।

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