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उत्तराखण्ड

परिवहन विभाग की सख्ती: बेलबाबा एटीएस सेंटर पर छापा, दोषपूर्ण वाहनों की फिटनेस पर लगी रोक,,

पवनीत सिंह बिंद्रा

हल्द्वानी, उत्तराखंड संभागीय परिवहन विभाग ने वाहनों की सुरक्षा मानकों को कड़ाई से लागू करने की मुहिम तेज कर दी है। संभागीय परिवहन अधिकारी डॉ. गुरदेव सिंह के नेतृत्व में आज बेलबाबा स्थित ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) सेंटर का आकस्मिक संयुक्त निरीक्षण किया गया। इस दौरान कई वाहनों में गंभीर खामियां पाई गईं, जिसके चलते उनकी फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी करने पर रोक लगा दी गई

।निरीक्षण में मिलीं गंभीर कमियांसहायक संभागीय अधिकारी वी.के. सिंह और आरआई टेक्निकल अजय गुप्ता की टीम के साथ डॉ. गुरदेव सिंह ने सेंटर पर वाहनों का गहन परीक्षण किया। निरीक्षण में पाया गया कि:कई वाहनों पर रिफ्लेक्टिव टेप अनुपस्थित था, जो रात्रिकालीन यात्रा में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अनिवार्य है।

इंडिकेटर क्षतिग्रस्त या गायब थे।टायरों की स्थिति खराब थी, जो वाहन की स्थिरता को प्रभावित कर सकती है।इन कमियों के कारण संबंधित वाहनों को तत्काल फिटनेस न देने के सख्त निर्देश जारी किए गए।

एटीएस इंचार्ज को हिदायत दी गई कि भविष्य में वाहनों का परीक्षण केंद्रीय मोटर वाहन नियमों (सीएमवीआर) के अनुसार ही किया जाए।सेंटर संचालन पर भी लगी नकेलनिरीक्षण के दौरान सेंटर प्रबंधन को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए:पूर्ण जांच अनिवार्य:

फिटनेस जारी करने से पूर्व टायर, यांत्रिक स्थिति, एचएसआरपी (हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट), लाइट, इंडिकेटर और रिफ्लेक्टिव टेप की अनिवार्य जांच।फीस दरें पारदर्शी: सेंटर के अंदर-बाहर फिटनेस फीस की संशोधित निर्धारित दरें स्पष्ट रूप से चस्पां की जाएं। केवल निर्धारित शुल्क ही वसूला जाए, कोई अतिरिक्त वसूली न हो।

चालक-अनुकूल व्यवहार: वाहन स्वामियों और चालकों के साथ अनुशासित, सद्भावपूर्ण व्यवहार सुनिश्चित हो। उन्हें पीने का पानी, बैठने की व्यवस्था जैसी बुनियादी जनसुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।सुरक्षा मानकों का महत्व और विभागीय मुहिमयह निरीक्षण परिवहन विभाग की चल रही ‘सुरक्षित सड़क, सुरक्षित यात्रा’ मुहिम का हिस्सा है। हाल के वर्षों में उत्तराखंड में पहाड़ी सड़कों पर वाहन दुर्घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, जिसमें दोषपूर्ण वाहन प्रमुख कारण रहे हैं।

राज्य सरकार के निर्देश पर एटीएस सेंटरों पर अब डिजिटल स्कैनिंग और यांत्रिक परीक्षण को मजबूत किया जा रहा है। डॉ. गुरदेव सिंह ने बताया, “वाहन सुरक्षा में कोई समझौता नहीं होगा फिटनेस प्रमाण-पत्र केवल योग्य वाहनों को ही मिलेगा।

“स्थानीय वाहन मालिकों ने इस पहल का स्वागत किया है, लेकिन कुछ ने फीस वृद्धि पर चिंता जताई। विभाग ने स्पष्ट किया कि पारदर्शिता से कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। अगले सप्ताह अन्य एटीएस सेंटरों पर भी इसी तरह के निरीक्षण प्रस्तावित हैं।

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