उत्तराखण्ड
सतगुर नानक परगटया,मिटी धुंध जग चानण होआ
आप सभी को गुरु नानक देव जी के 553वे आगमन पूरब की बहुत बहुत वधाइयां जी।गुरु साहिब हम सभी के सिर पर हाथ रखे और हम गुरु साहिब के दिये उपदेश पर चलने का यत्न कर सके।
आज पूरी मानवता को गुरु साहिब के इन तीन मुख्य उपदेशो को ग्रहण करने की जरूरत है तभी हम सही माईने में एक अछे समाज की सिर्जना कर सकते है।
गुरु साहिब के उपदेश ।,,किरत करो:-बिना किसी सुआरथ के ईमानदारी से अपनी किरत/काम करना। नाम जपो:-मनुष्य की पांच कमजोरिया को (काम,क्रोध,लोभ,मोह, अहंकार) पर काबू करने के लिये प्रभु के नाम का सचे मन से सिमरन करना।सिमरन करना अर्थात कोई भी कार्य करते वक्त इस बात का अहसास रखना/करना कि प्रभु पिता हमे देख रहे है।उनसे कुछ नही छुपा।वंड छको:-उन बेसहारो की मदद करनी जिन को सच मे जरूरत है।
आईये अपने अपने धर्म के सही सिद्धान्तों मे पके रहकर जो समूह मानवता में एकता लाने में,सभी धर्मों को जोड़ने में सहायक हो उन्हें अपने जीवन मे अमल में लाये।जो सिद्धान्त नफरत फैलाते हो,इंसान इंसान में फर्क पैदा करते हो,द्वेष पैदा करते हो उन्हें जड़ से उखाड़ फेंके क्योंकि हमारे किसी धर्म के अवतार ,पैगम्बर,पीर फकीर ने नफरत करनी नही सिखाई बल्कि समूह मानव जाति में उस प्रभु,अलाह, की ज्योति होने की बात कही है
गुरु ग्रंथ साहिब भी यही फरमान करते है कि
अवल अलाह नूर उपाया, कुदरत के सब बंदे।एक नूर ते सब जग उपज्या कोंन भले को मन्दे”।
आईये आज से हम सभी धर्मों का आदर करते हुए आपस मे एकता,मानवता,आपसी भाईचारे को अपने जीवन मे लाने का प्रयास करे तभी हम सभी इस प्रभु की बनाई कुदरत,संसार मे सुखी रह सकते हैऔर एक अछे समाज की सिर्जना कर सकते है व अपने आने वाले बच्चो/पीड़ी को सही खुश नुमा,नफरत से रहित वातावरण प्रदान कर सकते हैं