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उत्तराखण्ड

सुरक्षित सेफ्टी ऑडिट में हुआ खुलासा इनमे से उत्तराखंड के कुछ पुलों की स्थिति है ज्यादा खराब,,

उत्तराखंड राज्य बने 22, साल हो गए हैं लेकिन उत्तराखंड में राज्य घोटाले में सबसे आगे रहा है, राज्य बनने के बाद जो भी निर्माण कार्य हुए चाहे वो पुल हो या सरकारी भवन का निर्माण हो पूर्ण रूप से गुरवंता पूर्ण रूप से नही हुए आप हलद्वानी का गोला पुल ले लीजिए वो बनने के बाद 3,साल में टूट गया एवम अन्य जनपद के पुल हो जो राज्य बनने के बनने हो वो आज खतरे में है देहरादून- उत्तराखंड के 75 पुल नहीं है सुरक्षित सेफ्टी ऑडिट में हुआ खुलासा इनमे कुछ पुलों की स्थिति है ज्यादा खराब सरकार ने ज्यादा खतरनाक पुलों पर तत्काल यातायात रोकने के दिए निर्देश कोटद्वार की मालन नदी पर बना पुल टूटने के बाद प्रदेश सरकार ने सभी पुलों का कराया सेफ्टी ऑडिट देहरादून 13चमोली 09 टिहरी 07 उत्तरकाशी 06 हरिद्वार 06यूएसनगर 05 अल्मोड़ा 04 पिथौरागढ़ 03 नैनीताल 02 रुद्रप्रयाग 01 बागेश्वर 01 कुल मिलाकर इसकी जवाबदेही किसकी है ये स्पष्ट रूप से नही कह सकते हैं आज चौथा स्तंभ भी धराशाई हो गया है क्योंकि ये राजनीति पार्टी में शामिल हो चुके हैं राज्य निर्माण हुए घोटालों की आवाज को दबा दिया है सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए, जनता के टैक्स से इन नेताओ के पगार एवम सुख सुविधाओं में खर्च किए जाते है अगर इनके लिए जनता का पैसा खर्च किया जाता है तो इनकी भी नैतिक जिम्मेदारी बनती है जवाबदेही भी इनकी होनी चाहिए,आखिर कब और कैसे होगा कोई नहीं इस उत्तराखंड की आवाज उठाने वाला,,,उत्तराखंड में अंग्रेजो के समय के पुल आज तक चल रहे हैं और राज्य बनने के बाद जो पुल बने हैं वो खतरे में है,आखिर कोई जवाब तो होगा जिन लोगों ने उत्तराखंड शासन चलाया होगा,क्या वह जिम्मेदार है,

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