उत्तराखण्ड
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर उठे सवाल: अल्मोड़ा में शिकायतें फाइलों में दबी, जनता कर रही खुद को ठगा महसूस
अल्मोड़ा।
जिले के सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांडे ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसे जनता के भरोसे के साथ विश्वासघात बताया है। पांडे का कहना है कि जनता की समस्याओं के त्वरित और पारदर्शी समाधान के लिए बनी हेल्पलाइन अब केवल कागज़ी औपचारिकता बनकर रह गई है।
संजय पांडे का आरोप है कि अधिकारी शिकायतों का समाधान करने के बजाय मनमाने ढंग से उन्हें “स्पेशल क्लोज़” (विशेष क्लोज) की श्रेणी में डाल रहे हैं। उन्होंने उदाहरण दिए कि राज्यपाल के अनु सचिव द्वारा भेजी गई उच्च-स्तरीय शिकायत को निचले स्तर के अधिकारी ने बिना कार्रवाई के ही बंद कर दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय से भेजी गई दो शिकायतें भी ठंडे बस्ते में डाल दी गईं।
अल्मोड़ा निवासी पांडे ने बताया कि उनकी जिन शिकायतों (CHML 0820238432564, CHML 0920238448554 और CHML 032025870316) को दो साल से अधिक समय हो गया, उन पर अभी तक न तो समाधान हुआ है और न ही जिलाधिकारी ने कोई रुचि दिखाई।
पांडे का कहना है कि हेल्पलाइन पर अब सिर्फ चुनिंदा शिकायतें ही सुनी जाती हैं जबकि आम जनता की समस्याओं की लगातार अनदेखी की जा रही है। जिला अधिकारियों द्वारा शिकायतों की समीक्षा तक नहीं हो रही, जिससे लोगों में आक्रोश है।
सामाजिक कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि हेल्पलाइन प्रणाली की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द सुधार न हुआ तो जनता का सरकार से भरोसा उठ जाएगा और यह सरकार की साख पर सीधा हमला होगा















