उत्तराखण्ड
बागजाला में सरकार की नीतियों के खिलाफ धरना 65वें दिन भी जारीग्रामीणों ने प्रशासन पर लगाया आंदोलन की अनदेखी का आरोप, “डेरा डालो-घेरा डालो” की दी चेतावनी,,
हल्द्वानी।।सरकार की कथित “उजाड़ने की साजिश” के खिलाफ बागजाला में ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन 65वें दिन भी जारी रहा। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन पर समस्याओं का समाधान न करने और आंदोलन की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन उन्हें अब डेरा डालो-घेरा डालो कार्यक्रम करने को विवश कर रहा है।धरने को संबोधित करते हुए हेमा आर्या ने कहा कि बागजाला के लोग अपने मालिकाना अधिकार, ग्राम को राजस्व गाँव घोषित करने, पंचायत चुनावों में मताधिकार पुनः बहाल करने, निर्माण कार्यों पर लगी रोक हटाने, तथा जल जीवन मिशन के अधूरे कार्य पूरे करने की मांग पर अडिग हैं। उन्होंने आगे कहा कि गोवंश संरक्षण अधिनियम के चलते आवारा सरकारी गोवंश से किसानों व पशुपालकों को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार को उनकी स्थिति के अनुसार मूल्य निर्धारण कर सरकारी खरीद की गारंटी करनी चाहिए।हेमा आर्या ने आरोप लगाया कि शासन जाति, धर्म और दलगत राजनीति का सहारा लेकर ग्रामीणों की एकता को तोड़ने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा — “हमने पहले खिचड़ी भोजन कार्यक्रम के जरिये सरकार को चेताया था, अब अपने हक और जमीन बचाने के लिए दिन-रात का धरना जारी रहेगा।”धरने में परवेज, कामरेड हेमा, उर्मिला रेंशवाल, पंकज चौहान, प्रेम सिंह नयाल, आनन्द सिंह नेगी, चन्दन सिंह मटियाली, सहित कई वक्ताओं ने सम्बोधन किया। सभा का संचालन वेद प्रकाश, सचिव, अखिल भारतीय किसान महासभा बागजाला ने किया।धरने में मौजूद प्रमुख ग्रामीणों में आनन्द सिंह नेगी, उर्मिला रेंशवाल, गोपाल सिंह बिष्ट, विमला देवी, ईरा अंसारी, पार्वती, दौलत सिंह, वेद प्रकाश, सुनीता देवी, नईमबाना, अनीसुद्दीन, शरीफ, नसीर, प्रताप सिंह बिष्ट, नीमा देवी, रियाज खां, धनीराम आर्या, सुन्दर लाल, रेशमा, भुवन चन्द्र, वासुदेव, सुषमा आर्या, लीला देवी, प्रेम सिंह नयाल, मो. यासीन, हरक सिंह, दिनेश चन्द्र आदि शामिल रहे।
















