उत्तराखण्ड
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की सत्यता जांच के आदेश,,
नैनीताल, 25 नवंबर 2025।सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक व्यक्ति द्वारा विभिन्न राजस्व कार्यों के लिए कथित तौर पर “निर्धारित रेट/फीस” बताए जाने वाला वीडियो वायरल होने के मामले को जिलाधिकारी नैनीताल ललित मोहन रयाल ने गंभीरता से लिया है। वायरल सामग्री में राजस्व विभाग के अधिकारियों—विशेषकर पटवारी, तहसीलदार और उप जिलाधिकारियों—के संबंध में गंभीर आरोप लगाए गए हैं।जिलाधिकारी ने ऐसे आरोपों को प्रशासनिक पारदर्शिता एवं अखंडता के प्रतिकूल बताते हुए तथ्यात्मक जांच (Fact-Finding Inquiry) के आदेश जारी किए हैं। इस संबंध में अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) शैलेन्द्र सिंह नेगी को जांच अधिकारी नामित किया गया है।जांच अधिकारी को निम्न बिंदुओं पर विस्तृत जांच करने के निर्देश दिए गए हैं—सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो/पोस्ट की सत्यता, स्रोत एवं मूल अपलोडर की जांच।वायरल वीडियो/पोस्ट में दर्शाए गए “सरकारी कार्यों के रेट/अवैध वसूली” के आरोपों की तथ्यात्मक पुष्टि।संबंधित राजस्व अधिकारियों से जुड़े अभिलेखों व दस्तावेजों का परीक्षण।शिकायतें सत्य पाए जाने पर स्पष्ट अभिलेखीय साक्ष्य सहित रिपोर्ट प्रस्तुत करना।वायरल सामग्री से उत्पन्न सामाजिक एवं विधिक प्रभावों का आकलन।आवश्यकतानुसार सभी पक्षों के बयान दर्ज करना व अभिलेख जांच सुनिश्चित करना।जांच अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वे 15 दिसंबर 2025 तक अपनी विस्तृत और तथ्यपरक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
साथ ही, जिलाधिकारी ने यह स्पष्ट किया है कि जांच अवधि के दौरान कोई भी अधिकारी या कर्मचारी इस प्रकरण से जुड़ा कोई भी बयान या स्पष्टीकरण मीडिया प्लेटफॉर्म पर जारी नहीं करेगा। ऐसा किया जाना आचरण नियमावली का उल्लंघन माना जाएगा।















