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उत्तराखण्ड

हल्द्वानी लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन देश के जाने-माने कथाकार साहित्यकार उपन्यासकार एक मंच में दिखाई दिए

लिटरेचर फेस्टिवल के अंतिम दिन जहां कौस्तुभ आनंद चंदोला की दो पुस्तकों का विमोचन किया गया तो वही पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने लोक कला और साहित्य के नए दौर की चर्चा कर सबका मन मोह लिया।

हल्द्वानी के डीपीएस स्कूल में आयोजित हल्द्वानी लिटरेचर फेस्टिवल के अंतिम दिन सुबह प्रथम सत्र में गीतकार विजय अकेला और कवियत्री गौरी मिश्रा ने बॉलीवुड में साहित्य को लेकर विस्तार से चर्चा की। जिसके पश्चात चर्चा नई किताबों की सत्र में लेखक कौस्तुभ आनंद चंदोला अमृता पांडे दीपक उपाध्याय रंजना शाही ने नई किताबों पर चर्चा की साथ ही कौस्तुभ आनंद चंदोला की गर्म रेत और प्रेत मां किताब का विमोचन भी किया गया। लिटरेचर फेस्टिवल के तीसरे सत्र में महिलाओं की रुचिकर साहित्य को लेकर प्रख्यात लेखक प्रीतपाल कौर सोनाली मिश्रा और सर जाना शर्मा में महिलाओं द्वारा लिखी गई उपन्यास और किताबों पर विस्तार से चर्चा की और महिलाओं के प्रति नजरिए को विस्तार से सुनाया।

वहीं चौथे सत्र में बात किताबों की के लिए कार लेकर विजय त्रिवेदी दूरदर्शन के वरिष्ठ एंकर अशोक श्रीवास्तव और वरिष्ठ पत्रकार अनुराग पुनेठा देश में चल रहे नैरेटिव सेट करने के एजेंडे पर विस्तार से चर्चा की। जिसके पश्चात बुक्स व्हिच रिचा सत्र में अवश्य लेखक रणवीर सिंह चौहान और रिचा अनिरुद्ध ने रणवीर चौहान की लिखी पुस्तक 84 आलमबाग पर चर्चा करते हुए साहित्य और प्रशासनिक अधिकारी की व्यवस्थाओं पर प्रकाश डाला। इसके पश्चात राज्य के डीजीपी अशोक कुमार की पुस्तक खाकी में इंसान पर डीजीपी अशोक कुमार से वरिष्ठ पत्रकार अनुराग पुनेठा के विस्तार से चर्चा की जिसके पश्चात पंच जन्म के 75 साल सत्र में पंचजन्य के संपादक हितेश शर्मा के साथ लेखक सतीश शर्मा ने विस्तार से पत्रकारिता के सामने चुनौती को लेकर कई प्रश्न की जिसके पश्चात पद्मश्री मालिनी अवस्थी के साथ पंचजन्य के संपादक हितेश शर्मा द्वारा की गई चर्चा में न सिर्फ कला और साहित्य में बढ़ रही राजनीति को लेकर चर्चा हुई तो वही मालिनी अवस्थी ने कई राग सुनाएं जिससे पाठक मंत्रमुग्ध हो गए समापन सत्र में मालिनी अवस्थी की सुरीली आवाज में वंदे मातरम गीत गाकर हल्द्वानी लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे सत्र को समापन की घोषणा की।
कार्यक्रम को सफल बनाने में डीपीएस के भूमेश अग्रवाल, विवेक अग्रवाल, प्रधानाचार्य रंजना शाही, दिनेश मानसेरा, उमंग वासुदेवा, राजीव वाही, अवनीश राजपाल, मनमोहन जोशी, राजीव बग्गा, आदि ने सहयोग किया ।

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