उत्तराखण्ड
गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष पर ‘‘हिन्द की चादर: एक सर्वोच्च बलिदान गाथा’’ कार्यक्रम आयोजित, राज्यपाल ने किया विमोचन,,
देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सोमवार को राजभवन में श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष पर आयोजित ‘‘हिन्द की चादर: एक सर्वोच्च बलिदान गाथा’’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर गुरमत संगीत बाल विद्यालय, ऋषिकेश के बच्चों ने गुरु तेग बहादुर जी के जीवन और बलिदान की अमर गाथा को संगीत एवं शबद के माध्यम से भावपूर्ण अभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम में गुरु तेग बहादुर जी के जीवन और उनकी शहादत पर आधारित एक पुस्तक ‘‘गुरु तेग बहादुर’’ का भी विमोचन किया गया।इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्र, मानवता और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा हेतु गुरु तेग बहादुर जी द्वारा दिया गया अद्वितीय बलिदान विश्व इतिहास में अनुपम है। उन्होंने कहा कि गुरु जी की शहादत भारत की आध्यात्मिक विरासत, सांस्कृतिक अस्मिता और मानवीय मूल्यों की रक्षा का सर्वोच्च उदाहरण है। अत्याचार और अन्याय के विरुद्ध खड़े होने का उनका संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है।राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 26 दिसंबर को ‘‘वीर बाल दिवस’’ के रूप में मनाने का निर्णय साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान और सिख परंपरा के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतीक है। उन्होंने आह्वान किया कि गुरु साहिब की महान शिक्षाओं को अपने जीवन में धारण करें और भारत की एकता, अखंडता व संस्कृति की रक्षा हेतु सदैव तत्पर रहें। राज्यपाल ने कहा कि गुरु जी का बलिदान भारत की आत्मा का अमर प्रकाश है, जो सदियों तक मानवता को मार्गदर्शन देता रहेगा।�













