उत्तराखण्ड
अब मैं और मेरा परिवार सन्तुष्ट एवम् प्रसन्न है। कान्ती देवी
RS. Gill. Journalist
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रूद्रपुर – सफलता की कहानी श्रीमती कान्ती देवी पत्नी श्री सुखलाल, ग्राम पं0गंगापुर लोहरी विकास खण्ड रूद्रपुर बताती है कि मुझे वर्ष 2020-21 में प्रधानमंत्री आवास याजना (गामीण) का लाभ दिया गया है। इससे पूर्व हमारा घर झोपड़ीनुमा कच्ची दिवार वाला था। बायसात के दिनों में जब मुसलाधार बरसांत होती थी तो मेरा घर चारों तरफ से पानी से भर जाता था। पक्का घर बनाने का मेरा सपना था लेकिन यह सपना कैसे पूरा होगा, मैं नही जानती थी। गरीबी के कारण घर बनवाने की दूर-दूर तक कोई उमीद नहीं दिख रही थी। एक दिन मेरे ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी आये और उन्होंने मेरा आधार कार्ड और बैंक पासबुक मांगा उन्होंने मेरा मोबाइल पर रजिस्टेªषन कराया। कुछ दिन बाद उन्होंने मुझे आवास स्वीकृत होने की सूचना दी। पहली बार मुझे यकीन नहीं हुवा किन्तु जब मैंने बैंक जा कर पता किया तो मेरे खाते में पैंसा आ गया था। मैंने अपना घर बनवाना सुरू कर दिया। तीन किष्तों में आवास की धनराषि तथा मनरेगा की मजदूरी मिलाकर मिले पैंसों से अपना घर तथा षौचालय बनवाया। षौचालय बनने से हमारा परिवार षौच के लिये बाहर नहीं जाता है। और हम अपने को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। सरकार द्वारा हमें अन्य योजनाओं का लाभ भी मुहैया कराया गया है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अन्तर्गत रसोई गैष की सुविधा भी मिल गयी है,साज सज्जा हेतु रू0 5000.00 (पॉंच हजार) मात्र अलग से प्राप्त हुयी। मैं मा0 प्रधानमंत्री, प्रदेष के मुख्य मंत्री तथा ब्लाक के अधिकारी/कर्मचारियों की बहुत षुक्रगुजार हूॅं जिन्होंने मुझ जैसी गरीब महिला के बारे में सोचा और घर बनवाने के लिये धनराषि उपलब्ध करवा कर मेरी अंधेरी जिन्दगी में रोषनी लाने का काम किया।मैं गिरीष चन्द्र पाण्डेय, ग्राम पं0 लालपुर हाल नगर क्षेत्र लालपुर मैं निवास करता हॅू। मै मूल रूप से जनपद अल्मोडा का रहने वाला हॅू। पहाड में कोई आजीविका का साधन न होने के कारण मैं काफी समय पूर्व ग्राम लालपुर में आकर रहने लगा था। अपना मकान न होने के कारण मैं किराये पर रहता था। किराया अधिक होने के कारण मात्र एक कमरे में ही गुजारा करता था। कोई मेहमान आ जाता था तो बड़ी परेषानी होती थी तथा हीन भावना महसूस होती थी। मेहनत करके मैंने एक छोटा सा आवसीय प्लाट ले लिया था, परन्तु उसमें भवन निर्माण कराने का मेरे पास कोई जरिया नहीं था। तब मेरे पास क्षेत्र के ग्राम विकास अधिकारी आये और मेरा नाम प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में दर्ज कर दिया । उसके उपरान्त मुझे प्रधानमंत्री आवास की धनराषि प्राप्त हुयी जिससे मैंने अपना आवास बनवा लिया। आवास बनने से मुझे व मेरे परिवार को बहुत खुषी हुयी तथा अब मैं समाज में गौरवान्वित महसूस हॅू। मेरे सामाजिक स्तर में वृद्धि हो गयी है। पहले किराये के मकान का किराया देने से आर्थिक स्थिति खराब रहती थी परन्तु अब आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो गया।