उत्तराखण्ड
पर्वतीय पत्रकार महासंघ ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापनडीएवीपी की तर्ज पर विज्ञापन दरें लागू करने की मांग, छोटे अखबारों की आर्थिक रीढ़ टूट रही,,
देहरादून/हल्द्वानी। राज्य के छोटे एवं मझोले समाचार पत्रों की आर्थिक स्थिति सुधारने की मांग को लेकर पर्वतीय पत्रकार महासंघ उत्तराखण्ड ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को एक महत्वपूर्ण ज्ञापन सौंपा है।महासंघ ने मांग की है कि उत्तराखण्ड में भी डीएवीपी (अब सीबीसी) की तर्ज पर नई विज्ञापन दरें लागू की जाएं। इससे पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों में प्रकाशित पत्र-पत्रिकाओं को आर्थिक संबल मिल सकेगा। प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पाठक ने कहा कि राज्य के दूरस्थ, सीमांत और पर्वतीय इलाकों में प्रिंट मीडिया ही सूचना का सबसे विश्वसनीय माध्यम बना हुआ है।छोटे समाचार पत्र सीमित संसाधनों में जनहित की आवाज बुलंद करते हैं और सरकारी योजनाओं का प्रसार करते हैं। लेकिन मौजूदा विज्ञापन दरें उनकी लागत के अनुरूप नहीं हैं, जिससे कई प्रकाशन अस्तित्व के संकट से जूझ रहे हैं।मुख्य मांगेंडीएवीपी आधारित संशोधित विज्ञापन दरें लागू करना।छोटे प्रकाशनों को प्राथमिकता देना।सभी श्रेणी के समाचार पत्रों को समान अवसर प्रदान करना।विज्ञापन भुगतान प्रक्रिया सरल बनाकर 45 दिनों में निपटान सुनिश्चित करना।श्री पाठक ने कहा कि समय रहते विज्ञापन नियमावली में संशोधन से छोटे-मध्यम अखबार सशक्त होंगे और जनसंचार व्यवस्था प्रभावी बनेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से सकारात्मक निर्णय की आशा जताई। महासंघ ने जोर दिया कि मीडिया लोकतंत्र की नींव है, इसे मजबूत करना राज्यहित में जरूरी है।










