उत्तराखण्ड
बिंदुखत्ता से हिमालय को रवाना हुई माँ नंदा, छतौली देख भर आई अखियां छम छम नीर बहे
बिंदुखत्ता से हिमालय को रवाना हुई माँ नंदा, छतौली देख भर आई अखियां छम छम नीर बहे
रामाकांत पंत । लालकुआ
बिन्दुखत्ता से माँ नन्दा की छतोली भगवान शिव की पावन स्थली हिमालय के पवित्र आँचल कैलाश क्षेंत्र को रवाना हुई माँ को विदाई देनें के लिए हजारों की संख्या में भक्तजन यहाँ माँ भगवती मंदिर में उपस्थित रहे प्रातः काल से ही यहाँ का वातावरण आध्यात्म की अद्भूत छटा से निखरा रहा माँ नन्दा की जयकारा के साथ भक्ति भाव के बीच भावातिरेक के बहते आंसू माँ नन्दा के प्रति अद्भुत स्नेह को प्रगट करते हुए दिखे सजल नेत्र इस बात का बखान कर रहे थे मानों माँ नन्दा आज मायके से ससुराल को साक्षात् स्वरूप से विदा हो रही है
भक्ति भावना का ऐसा मनोहारी वातावरण पहली बार बिन्दुखत्ता की धरती पर माँ नन्दा को विदा करते हुए देखा गया आस्था व भक्ति के अलौकिक संगम के बीच माँ के प्रति स्नेह की आभा बरबस ही लोगों के नेत्रों से झलक रही थी सजल नेत्रों से माँ के प्रति उमड़ता प्रेम आध्यात्मिक यादों की महक में सदा झलकता रहेगा
बुधवार की प्रातः माँ भगवती नन्दा की छतोली यहाँ से वेदनी कुण्ड हिमालय की ओर रवाना हुई