उत्तराखण्ड
उत्तराखंड में स्कूल मर्जर नीति का विरोध, प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा,
लालकुआं, 21 अगस्त।
उत्तराखंड सरकार की स्कूल मर्जर नीति के खिलाफ प्रगतिशील महिला एकता केंद्र और प्रगतिशील भोजनमाता संगठन के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को जोरदार प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार एवं एसडीएम लालकुआं को सौंपा। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं और भोजनमाताओं ने “स्कूल मर्जर नहीं चलेगा”, “छात्राओं से शिक्षा का अधिकार छीनना बंद करो”, “भोजनमाता को स्थायी करो” जैसे नारे लगाए।
सभा को संबोधित करते हुए संगठन की अध्यक्ष बिंदु गुप्ता ने कहा कि सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे जनकल्याणकारी मदों में खर्च घटाकर निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। क्लस्टर स्कूलों की नीति से सैकड़ों सरकारी प्राथमिक विद्यालय बंद होने की कगार पर हैं, जिससे गरीब बच्चों, भोजनमाताओं और शिक्षकों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। भोजनमाता संगठन की दीपा पवार ने कहा कि स्कूल बंद होने पर भोजनमाताओं के रोजगार पर संकट मंडरा रहा है और उन्हें न्यूनतम वेतन में बेगारी करवाई जा रही है।
महामंत्री ने कहा कि राज्य में 900 से अधिक स्कूल बंद होने की संभावना है, जिससे शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के भविष्य पर भी संकट छाया है। संगठनों ने छात्रों, भोजनमाताओं, अभिभावकों और शिक्षकों से मिलकर सरकार की इस नीति के विरोध में संघर्ष का आह्वान किया।
ज्ञापन में स्कूल मर्जर योजना पर तत्काल रोक, भोजनमाताओं को स्थायी करने, रिक्त पदों पर भर्ती जैसी मांगें उठाई गईं।
इस विरोध प्रदर्शन में बिंदु, तलाशी, कमला, गीता, काजल, दीपा पवार, बसंती, सरस्वती, राजमती, शकुंतला, रजनी सहित बड़ी संख्या में महिलाएं एवं भोजनमाता कार्यकर्ता शामिल रहीं।















