उत्तराखण्ड
नासरों मंसूर गुर गोबिन्द सिंघ,एज़दी मंजूर गुर गोबिन्द सिंघ
नासरों मंसूर गुर गोबिन्द सिंघ,एज़दी मंजूर गुर गोबिन्द सिंघ
साहिब श्री गुर गोबिन्द सिंघ जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में विगत कई दिनों से चल रहे कार्यक्रमों के क्रम में आज दिनांक 5.1.23 को गुरद्वारा श्री गुरु सिंघ सभा मे कीर्तन दरबार गुरमत समागम का आयोजन किया गया।प्रातः 6 बजे मुख्य ग्रंथी सरदार अमरीक सिंघ जी ने अखंड पाठ साहिब जी की सम्पूर्णता गुरमुख परिवारो के तरफ से रखे गए की करी।समूह संगत ने भाई साहिब के साथ पाठ करा उपरन्त 9.30 बजे भाई परमजीत सिंघ जी हजूरी कीर्तनिये के जत्थे ने शबदो का गायन कर संगत को निहाल किया।उपरन्त लोकल गुरद्वारा साहिब के कीर्तनियो ने कीर्तन की हाज़री भरी।खालसा गर्ल्स इंटर कॉलेज एवं श्री गुरु तेग बहादुर स्कूल के बच्चों ने भी कीर्तन की हाज़री भरी।भाई जसपाल सिंघ, दलजीत सिंघ,नवजोत सिंघ ने भी मनोहर कीर्तन करा।उपरन्त गुरद्वारा रेरु साहिब साहनेवाल से आये भाई गुरप्रीत सिंघ के जत्थे ने सहज भाव से कीर्तन कर के सारा वातावरण भक्तिमयी कर दिया। प्रचारक ज्ञानी निर्मल सिंघ धोलकोट जी ने गुरु साहिब के जीवन से जुड़े वर्तान्त बताए और कहा कि गुरु जी ने अपना सारा जीवन मानवता की भलाई, परोपकार के साथ बिताया व समाज को किसी भी तरह के डर से न जीने की बात बताई। गुरु साहिब ने सभी के मन मे अपने-अपने धर्म मे पके रहने का और स्वतंत्रता से जीने का साहस जगाया।गुरु साहिब ने इस बात को सच साबित कर के दिखाया की *चिड़यो से में बाज़ लड़ाउ,सवा लाख से एक लड़ाउ , तभी गोबिन्द सिंघ नाम कहलाऊँ * गुरु जी ने जात पात, धर्म एवं ऊँच नीच के दिखावटी बंधन को तोड़ कर एक ईश्वर की उपासना करने का संदेश दिया । उन्होंने कहा की “मानस की जात, सभै ऐकै पहचनबो” गुरु साहिब ने जितनी जंगे लड़ी वह किसी पैसा,जायदाद की लिए नही अपितु मानव अधिकार,हकूमत के जबरन धर्म परिवर्तन व जुल्म के खिलाफ लड़ी।गुरु साहिब किसी भी धर्म के खिलाफ नही थे वह तो बुराई, अत्याचार के खिलाफ थे।सिख धर्म मानवता का धर्म है जहाँ गुरु ग्रंथ साहिब की शिक्षाएं आपस मे प्यार ,सदभाव रहना सिखाती है वही यह बात भी गुरु साहिब ने कही है कि अगर अत्याचारी बातो से न समझे और सारे पर्यतन असफल हो जाये तो धर्म एवं मजलूम की रक्षा हेतु शस्त्र उठाना सही है।गुरु साहिब की शिक्षाओं के चलते सिख पंथ हमेशा ही मानवता के भले के लिए तत्पर रहता है चाहे वह विश्व के किसी भी कोने में दैविय आपदा हो या अन्य कोई समस्या। हर सिख उस प्रभु के आगे दोनों वक्त सुबह शाम अरदास में ये बोल बोलता है” नानक नाम चढ़दी कला,तेरे भाड़े सरबत दा भला।
भाई सरबजीत सिंघ पटना साहिब वालो ने सिमरो सिमर सिमर सुख पावो,राजन के राजा महाराजन के महाराजा, वाह वाह गोबिन्द सिंघ आपे गुर चेला एवं वह प्रगट्यो पुरख भगवंतरूप,गुर गोबिन्द सूरा आदि शबदों का गायन कर संगत को निहाल कर दिया। समूह संगत की तरफ से जहाँ दाल, सब्जी, परशादे का लंगर चला वही सिख सेवक जत्थे की तरफ से चाय ,पानी का,अकालपुरख की फौज की तरफ से सूजी का हलवा, निडर खालसा की तरफ से पानी,सोया चांप का,रंधावा परिवार कमलुआगांजा की तरफ से 2 क्विंटल खीर का परशाद वितरण हुआ। सिख मिशनरी कॉलेज की तरफ से धार्मिक पुस्तकों का स्टाल व बच्चों के लिए धार्मिक प्रतियोगिता का प्रोग्राम हुआ।गुरु किरपा सोसाइटी जो हल्द्वानी के ज़रूरत मंद सिख परिवारो की मदद के लिए बनी है ने भी स्टाल लगाया व आने वाले दिनों में 12 क्लास के सिख बच्चों के लिए फ्री 35 दिनों का क्रैश कोर्स बोर्ड के पेपर से पहले कराया जाएगा तांकि बोर्ड के एग्जाम में बच्चों को सहायता मिले।4 महीने का CA कोर्स भी CA फाउंडेशन की तरफ से अप्रेल महीने से 12 वी पास बच्चों के लिए शुरू होगा उसकी भी जानकारी दी।कार्यक्रम का संचालन महामंत्री जगजीत सिंघ ने किया।अध्यक्ष सरदार रंजीत सिंघ व नगर कीर्तन इंचार्ज नरेंद्रजीत सिंघ रोडू जी ने संगत को बधाई दी व उन सभी गुरद्वारा कमेटियों, सहयोगी संस्थाओं,सभी गुरपुरब में सेवा करने वाले सेवादारो का,बाहर से आये रागी जत्थो को ठहराने, लंगर छकाने के लिए गुरमुख परिवारो व चरनजीत सिंघ (जिपी वीरजी) होटल अलंकार वालो का आभार प्रकट किया।सुखमनी सोसाइटी का जोड़ा सेवा के लिए धन्यवाद करा।पुलिस प्रशाशन, ट्रैफिक पुलिस,नगर निगम,रामलीला कमेटी,सभी अख़बार के संपादको,कैमरा टीम,इलेक्ट्रॉनिक मीडिया,प्रिंट मीडिया का प्रभंधन कमेटी की तरफ से धन्यवाद किया गया। अंत में आनद साहिब पढ़ के एवं अरदास करके कार्यक्रम का समापन जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल जयघोष के साथ किया।समूह संगत ने गुरु साहिब का धन्यवाद करा। शाम का दीवान 7 बजे से 11 बजे तक होगा।पूरे प्रोग्राम में सभी गुरद्वारा साहिब के मुख सेवादार,पूर्व सेवादार अमरजीत सिंघ सेठी बूंदी वीरजी,कमेटी मेंबर नरेंद्रजीत सिंघ रोडू, रविंदरपाल सिंघ ,तजिंदर सिंघ,बलविंदर सिंघ,रविंदर पाल सिंघ शुण्टी,फतेह सिंघ,दिवान चंद जी,एडवोकेट भूपिंदर सिंघ अजमानी, सनप्रीत सिंघ अजमानी, परमजीत सिंघ पम्मा,रविंदर पाल सिंघ शंटी ,हरप्रीत सिंघ,दलजीत सिंघ,सतपाल सिंघ,जगमोहन सिंघ राजू,मंजीत सिंघ सेठी,अमनदीप सिंघ,हरजीत सिंघ सिबल ,हरजीत सिंघ सच्चर,आदि मौजूद रहे।